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    फरीदाबाद में प्रॉपर्टी आईडी में बड़ी गलती, FIR दर्ज करने का दबाव

    By deepak pandey Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 27 May 2025 10:03 PM (IST)

    फरीदाबाद में संपत्ति ID में गड़बड़ी के चलते लोगों को FIR दर्ज कराने के लिए कहा जा रहा है। नगर निगम की गलती का खामियाजा जनता भुगत रही है क्योंकि ID ठीक कराने जाने पर उन्हें नई ID बनवाने की सलाह दी जा रही है। केवल 25% ID ही वेरिफाई हुई हैं जिससे लोगों में आक्रोश है। निगम के अधिकारी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है।

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    फरीदाबाद में संपत्ति ID में गड़बड़ी के चलते लोगों को FIR दर्ज कराने के लिए कहा जा रहा है।

    दीपक पांडे, फरीदाबाद। प्रॉपर्टी आईडी को लेकर नगर निगम की गलती का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जब लोग अपनी आईडी सही करवाने के लिए जेडटीओ या क्लर्क के पास जा रहे हैं तो उन्हें कहा जा रहा है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाओ। 

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    साथ ही इस आईडी को डिलीट करवाओ और नई आईडी बनवाओ। ऐसे में लोग पूछ रहे हैं कि जब निगम ने प्रॉपर्टी आईडी में गलती की है तो वे थाने क्यों जाएं। साथ ही जब वे इतने सालों से आईडी पर प्रॉपर्टी टैक्स भर रहे हैं। तो नई आईडी क्यों बनवाएं।  

    निगम अधिकारी और कर्मचारी काम से बचने के लिए लोगों को बेवजह के सुझाव दे रहे हैं। जवाहर कॉलोनी में रहने वाली सर्वेश देवी ने निगम कमिश्नर को शिकायत देते हुए बताया कि वे पिछले 10 सालों से अपनी आईडी पर टैक्स भर रही हैं। जब इस बार निगम की ओर से उन्हें वर्ष 2024-25 का बिल भेजा गया तो उसमें नाम और पता भी गलत लिखा था।

    इसे सही करवाने के लिए जब वे क्लर्क के पास पहुंची तो उसने कहा कि जाकर इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाओ। इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत जेडटीओ पदम ढांडा से की। इस पर जेडटीओ ने कहा कि उन्हें नई आईडी बनवानी पड़ेगी।

    सर्वेश देवी ने कहा कि नई आईडी बनवाने के लिए उन्हें फिर से सभी दस्तावेज जमा करवाने पड़ेंगे। साथ ही निगम कार्यालय के चक्कर भी काटने पड़ेंगे। जबकि इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। इसी तरह जवाहर कॉलोनी में रहने वाले अजय ने भी अपनी आईडी में किसी और का पता लिखवाया था। जब उन्होंने इसकी शिकायत संबंधित कर्मचारी से की तो उसने नई आईडी बनवाने का सुझाव दिया।

    अभी तक सिर्फ 25 फीसदी आईडी ही वेरिफाई हुई हैं- पूरे शहर में साढ़े छह लाख प्रॉपर्टी आईडी हैं। इसमें से अभी तक सिर्फ 25 फीसदी आईडी ही वेरिफाई हुई हैं। आईडी वेरिफिकेशन के लिए निगम की ओर से रात में भी कैंप लगाए जा रहे हैं। लेकिन गड़बड़ियों के कारण वेरिफिकेशन भी नहीं हो पा रहा है। शिकायत करने पर अधिकारी अपनी गलती मानने को तैयार नहीं हैं।

    अगर कोई कर्मचारी लोगों से प्रॉपर्टी आईडी करेक्शन के लिए एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कह रहा है तो वे मेरे पास आकर अपनी शिकायत दे सकते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। जिन लोगों की आईडी में दिक्कत है, उनकी आईडी में सुधार किया जाएगा।

    -सलोनी शर्मा, अपर आयुक्त नगर निगम

    पूरे शहर में इतनी यूनिट

    • आवासीय - 4.78 लाख
    • औद्योगिक - 46,332
    • वाणिज्यिक - 16286
    • कृषि भूमि - 4371
    • खाली प्लॉट - 14752
    • पेट्रोल पंप - 2498
    • मिश्रित उपयोग - 52,164
    • अन्य संस्थान - 52 हजार

    कुल प्रॉपर्टी आईडी - 6 लाख 66 हजार

    सत्यापित - मात्र 2.60 लाख