Faridabad: यमुना का जलस्तर बढ़ने से बसंतपुर में घुसा पानी, अफसरों की लापरवाही से होते हैं अवैध निर्माण
फरीदाबाद के बसंतपुर में यमुना का जलस्तर बढ़ने से घरों में पानी घुस गया है जिससे लोग परेशान हैं। नदी की तलहटी में अवैध निर्माण के कारण यह समस्या बार-बार होती है। पिछले डेढ़ दशक से यहां अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं और प्रशासनिक लापरवाही के चलते निर्माण होते रहे। यमुना किनारे अन्य गांवों में भी अवैध प्लाटिंग की गई है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। यमुना के बढ़ा हुआ जलस्तर दिल्ली से सटे बसंतपुर में घुस गया है। यमुना की तलहटी में ही लोग मकान बनाकर रह रहे हैं। ऐसे लाेग घर छोड़ कर बाहर निकल आए हैं। ऐसा पहली बार नहीं बल्कि जब भी नदी का जलस्तर बढ़ता है तो इस तरह की दिक्कतें आती ही हैं।
इसका मूल कारण नदी की तलहटी में जाकर अवैध निर्माण करना है। नदी ने यहां रहने वाले लोगों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों को भी आईना दिखा दिया है कि नदी के मूल दायरे में निर्माण करने वालों का क्या हाल होगा। लेकिन अधिकारी सबक लेने को तैयार नहीं हैं। हर बार दावे किए जाते हैं कि कार्रवाई करेंगे लेकिन फिर भूल जाते हैं।
डेढ़ दशक से हो रहे हैं अवैध निर्माण
दिल्ली से सटे हुए बसंतपुर गांव का रकबा यमुना नदी तक है। नदी का पानी गांव तक न पहुंचे, इसलिए 1980 में पुश्ता बांध बनवाया गया। मिट्टी व पत्थर डालकर करीब चार से पांच ऊंची दीवार तैयार की। एक तरह से नदी की पुश्ता तक हद तय कर दी थी। नदी की ओर गांव की जमीन है। इसी जमीन पर डेढ़ दशक पहले अवैध कालोनी काटनी शुरू कर दी गई थी।
वर्ष 2005 के बाद यहां कुछ ग्रामीणों ने प्लाटिंग शुरू कर दी। 2010 के बाद यहां तेजी से प्लाट काटकर बेचे जाने लगे। उस समय रेट थे दो से तीन हजार रुपये प्रति वर्गगज। यह गांव दिल्ली के नजदीक था, इसलिए सबसे अधिक लोग यहीं से आए और प्लाट खरीदने लगे।
उस दौरान यमुना नदी का अधिक जलस्तर नहीं बढ़ा था। इसलिए लोगों को पता नहीं लग सका कि यह यमुना नदी की तलहटी है। साल दर साल प्लाट बिकते चले गए। दिल्ली ही नहीं फरीदाबाद में रहने वाले उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश तक के प्रवासी लोगों ने प्लाट खरीद लिए। यहां पूर्व में मिलीभगत से रजिस्ट्रियां भी हो गई।
होते रहे निर्माण, सोते रहे जिम्मेदार
इसमें बड़ी लापरवाही प्रशासनिक स्तर पर भी रही है। यह क्षेत्र जिला नगर योजनाकार एन्फोर्समेंट और नगर निगम के अधीन है। दोनों ही विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि अवैध निर्माण न हों। लेकिन किसी ने अपनी जिम्मेदारी का निवर्हन नहीं किया। केवल छुटपुट कार्रवाई की जाती और फिर सालभर के लिए चुप बैठ जाते। इसलिए यहां प्लाट लेकर मकान बनाने वालों की सोच बन गई कि बड़ी कार्रवाई नहीं होगी।
इन गांव में भी हुए अवैध निर्माण
यमुना नदी किनारे बसंतपुर के अलावा इस्माइलपुर, सेहतपुर, अगवानपुर,ददसिया, महावतपुर, किड़ावली, चीरसी, भूपानी, लालपुर, भसकौला, मौजाबाद, दलेलपुर में भी खूब अवैध प्लाटिंग हुई है। यहां सैकड़ों निर्माण बन गए हैं। जिला नगर योजनाकार एन्फोर्समेंट यजन चौधरी ने बताया कि यहां समय-समय पर पूर्व में कार्रवाई होती रही है। लोग फिर से निर्माण कर लेते हैं। यहां फिर से कार्रवाई की जाएगी।
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