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    यमुना में बाढ़ रोकने में कहां है बाधा? हुआ खुलासा, NHAI को सौंपा गया यह काम

    By Parveen Kaushik Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Mon, 26 May 2025 05:54 PM (IST)

    फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण द्वारा यमुना नदी में बाढ़ के पानी को रोकने के लिए चांदपुर गांव में 20 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। यमुना नदी से ऊंचाई होने के कारण तालाब बनाना मुश्किल है। एनएचएआई को 2 मीटर तक मिट्टी हटाने का ठेका दिया गया है बाकी मिट्टी हटाने के लिए जेसीबी से बात चल रही है। एफएमडीए का उद्देश्य यमुना किनारे भूजल स्तर को बढ़ाना है।

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    यमुना नदी से ऊंचाई होने के कारण तालाब बनाना मुश्किल है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एफएमडीए) ने यमुना नदी में मानसून के दौरान बाढ़ के पानी को संरक्षित करने के लिए चांदपुर गांव की 20 एकड़ जमीन अधिग्रहित की है। लेकिन यहां तालाब बनाना चुनौती बन गया है। जो जमीन अधिग्रहित की गई है, वह यमुना नदी से आठ मीटर की ऊंचाई पर है। अब इसे नदी के स्तर से नीचे लाना आसान काम नहीं है।

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    इसे समतल करने के बाद ही तालाब बनाने की दिशा में काम शुरू होगा। इस समस्या को लेकर एफएमडी के अधिकारी चांदपुर के सरपंच सूरजपाल भूरा से बात कर चुके हैं। सरपंच ने जमीन से दो मीटर तक मिट्टी उठाने का ठेका एनएचएआई पर छोड़ दिया है।

    एनएचएआई नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी वाला एक्सप्रेस-वे तैयार कर रहा है, इसलिए उसे मिट्टी की जरूरत है। अब सारी मिट्टी यहीं से जा रही है। लेकिन शेष छह मीटर ऊंचाई तक मिट्टी उठाना अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती है। अधिकारी इस संबंध में अर्थमूवर बनाने वाली जेसीबी के अधिकारियों से बात करने में जुटे हैं। अगर जेसीबी मिट्टी उठाने को राजी होती है, तभी यहां तालाब बनाने का काम शुरू होगा।

    नदी का हर बार बढ़ता है जलस्तर

    बरसात के मौसम में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ जाता है। हर साल पानी बह जाता है। एफएमडीए के अधिकारी इस पानी को संरक्षित करना चाहते हैं। इसके लिए किनारे बसे गांवों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गहरे तालाब बनाने की योजना है।

    इस योजना का उद्देश्य यमुना नदी के किनारे भूजल स्तर को बढ़ाना है। क्योंकि यमुना नदी के किनारे 10 रेनीवेल लगे हुए हैं जिनका भूजल स्तर हर साल गिर रहा है। अब 10 और रेनीवेल लगाए जाएंगे। इसलिए जमीन के अंदर पर्याप्त पानी होना जरूरी है। बता दें कि जिले में करीब 40 किलोमीटर तक यमुना नदी बहती है।

    रेनीवेल का जलस्तर घट रहा

    वर्तमान में यमुना नदी के किनारे अगर बोर कराया जाए तो 80 से 100 फीट पर पानी मिल जाता है। लेकिन साल दर साल इसमें बदलाव हो रहा है। करीब पांच साल पहले 60 फीट पर पानी मिल जाता था। रैनीवेल भी अपनी क्षमता के अनुसार पानी नहीं दे पा रहे हैं।

    इसका कारण गिरता भूजल स्तर है। यमुना नदी का जलस्तर सिर्फ बारिश के दिनों में ही बढ़ता है। इससे भूजल स्तर भी बढ़ जाता है। बाकी महीनों में यमुना नदी में बहुत कम पानी रहता है। इसका असर रैनीवेल पर पड़ रहा है।

    हां, तालाब का काम अभी शुरू नहीं हो सकता। क्योंकि जिस जमीन पर तालाब बनना है, वह नदी से आठ मीटर की ऊंचाई पर है। इतनी ऊंचाई पर पानी नहीं बह सकता। पहले यह मिट्टी हटाई जाएगी, उसके बाद ही तालाब बनाने का काम शुरू किया जाएगा।

    - विशाल बंसल, चीफ इंजीनियर, एफएमडीए।