यमुना में बाढ़ आने की आशंका से प्रशासन अलर्ट, अधिकारियों ने दौरा कर लिया जायजा
हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद फरीदाबाद प्रशासन अलर्ट पर है। यमुना किनारे के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। एसडीएम ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों को सहायता शिविरों में पहुंचाया। प्रशासन ने पेयजल संकट से निपटने के लिए जनरेटर की व्यवस्था की है। अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं और हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। यमुना में हथनी कुंड बैराज से तीन लाख 29 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने की सूचना के बाद प्रशासन पूरी तरह से अर्ल्ट मोड़ में दिखाई दिया। प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
बसंतपुर-ईस्माइलपुर की आबादी में जलभराव होने पर एसडीएम फरीदाबाद ने अपने सहयोगी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ दौरा करके लोगों से सहायता शिविर में ठहरने के लिए कहा है। वहीं उन्होंने यहां पर प्रशासन की तरफ से बनाए गए सहायता शिविर का भी दौरा किया और प्रबंधों का जायजा लिया। बाढ़ से यमुना किनारे बसे 16 गांवों में जलभराव होने की आशंका है।
यमुना में बाढ़ आने के बारे में उपायुक्त विक्रम सिंह ने कहा कि अगले 24 घंटे में जिले में 2023 से बदत्तर हालात पैदा हो सकते हैं। हथनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। अब तक तीन लाख 29 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। सभी अधिकारियों को पूरी तरह से अर्ल्ट रहने के लिए कहा है। किसी भी अधिकारी को बिना पूछे मुख्यालय छोड़ने की अनुमति नहीं है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियाें की छुट्टी रद कर दी गई हैं।
लोगों से बाढ़ से संबंधित अफवाहों से दूर रहने के लिए कहा है। कुछ लोग पुरानी वीडियो शेयर करके अफवाहों को बढ़ावा दे रहे हैं। यदि किसी भी तरह की परेशानी होती है तो तुरंत मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 0129-2227937 और 0129-2226262 नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। कंट्रोल रूम में 24 घंटे कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
शहर में नहीं होगा पेयजल संकट
यमुना किनारे शहर की पेयजल आपूर्ति के लिए लगाए गए रेनीवेल ट्यूवबेलों की 2023 में बाढ़ के दौरान बिजली काटनी पड़ी थी। इसके चलते शहर में पेयजल संकट पैदा हो गया था। अबकी बार प्रशासन ने इन ट्यूबवेलों की बिजली काटने की स्थिति में जनरेटर की व्यवस्था की है। यहां पर डीजल भी रखवाया गया है। ताकि तुरंत रेनीवेल ट्यूबवेलों को चलाया जा सके।
यमुना के किनारे बसे इन 16 गांवों को है सबसे अधिक खतरा
यमुना किनारे बसे बसंतपुर, किढ़ावली, लालपुर, महावतपुर, राजपुर कलां, तिलौरी खादर, अमीपुर, चीरसी, मंझावली, चांदपुर, मोठूका, अरुआ, छांयसा, लतीफपुर, शाहजहांपुर, मोहना को बाढ़ का सबसे ज्यादा खतरा है। इन गांवों के लोगों से कहा गया है कि जहां पर जलभराव होता है, उन क्षेत्रों के लोग अपने घरों को छोड़ कर सहायता शिविर में आ जाएं। इन गांवों के लोगों के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में सहायता शिविर बनाए गए हैं। लोग अपने जरूरी कागज, सामान लेकर शिविर में आएं। पशुओं को भी साथ लेकर आएं।
प्रशासन ने लोगों के खाने और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की है। शिविर में रहने वाले लोगों की बीमारियों के उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों की टीम और दवाओं की व्यवस्था की है। पशुओं की बीमारी के लिए पशुपालन विभाग के डाक्टरों की टीम और दवाओं की व्यवस्था की है। सहायता शिविर में लोगों के लिए बिजली-पानी की व्यवस्था भी की है। ताकि रात को सोने में किसी तरह की परेशानी न हो।
बल्लभगढ़ एसडीएम ने किया मोहना-छांयसा का दौरा
एसडीएम मंयक भारद्वाज ने मोहना व छांयसा का दौरा किया। 2023 में जब यमुना में बाढ़ आई थी, तो मोहना यमुना पुल से आगे पलवल खादर के 15 गांवों को जाने वाली सड़क को पानी के बहाव ने तोड़ दिया था। इसके चलते इन 15 गांवों का फरीदाबाद और पलवल से पूरी तरह से संपर्क कट गया था। उन्होंने खेतों में हो रहे जलभराव को भी देखा।
यमुना में बाढ़ को लेकर सिंचाई विभाग की हुई बैठक
यमुना में आई बाढ़ को लेकर सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता संदीप तनेजा ने हरियाणा भवन दिल्ली में फरीदाबाद के अधीक्षक अभियंता राजीव बतरा, कार्यकारी अभियंता, सभी उपमंडल अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान विभाग की कटाव के दौरान स्थिति पर काबू पानी के प्रबंधों का जायजा लिया और सभी सतर्क रहने के लिए कहा।
यमुना में ओखला बैराज से जो पानी छोड़ा गया है, उसके अगले 72 घंटे में दिल्ली आने की उम्मीद है। फिलहाल ओखला बैराज से 56455 क्यूसेक लगातार फरीदाबाद की सीमा में छोड़ जा रहा है। जिले में यमुना खतरे के निशान से नीचे 199.95 मीटर पर बह रही है। जिले में खतरा का निशान 202.95 मीटर है। - अरविंद शर्मा, उपमंडल अधिकारी सिंचाई विभाग फरीदाबाद
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