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    ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर फरीदाबाद में जल संरक्षण पर होगा काम, वाटर ट्रीटमेंट और रियूज मॉडल से बचाएंगे 93 प्रतिशत पानी

    Updated: Mon, 09 Jun 2025 04:19 PM (IST)

    फरीदाबाद वाटर ट्रीटमेंट और रियूज के मामले में प्रदेश के लिए मॉडल बनेगा। ऑस्ट्रेलिया की तरह नगर निगम यह काम करेगा। पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था लागू करने के लिए सरकार ने रिपोर्ट मांगी है। इस तरह से करीब पानी की किल्लत में 93 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकेगी।

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    वाटर ट्रीटमेंट और रियूज को लेकर फरीदाबाद बनेगा पूरे प्रदेश का माॅडल।

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: वाटर ट्रीटमेंट और उसके रियूज को लेकर औद्योगिक नगरी पूरे प्रदेश में एक माॅडल की तरह काम करेगी। इसको लेकर नगर निगम से प्रदेश सरकार ने पूरी रिपोर्ट भी मांगी है।

    रिपोर्ट में यह बताना होगा कि इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में किस तरह से लागू किया जा सकता है। ताकि जल सरंक्षण को लेकर काम किया जा सके। निगम की इंजीनियरिंग शाखा पूरी रिपोर्ट तैयार करने में जुट गई है।

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    हाल में ही वाटर ट्रीटमेंट और रियूज को लेकर फरीदाबाद नगर निगम की ओर से वर्कशाप का आयोजन किया गया था। इसमें कार्यकारी अभियंता नितिन कादियान ने प्रदेश भर से आए इंजीनियर को ट्रेनिंग दी थी।

    वाटर ट्रीटमेंट और रियूज से पानी की किल्लत 93 प्रतिशत होगी कम

    वर्कशाप में बताया गया कि पानी की बढ़ती किल्लत को रोकने के लिए किस तरह से एसटीपी सहायक हो सकते हैं। उन्हाेंने बताया कि वाटर ट्रीटमेंट और रियूज से कम से कम 93 प्रतिशत पानी की किल्लत को समाप्त किया जा सकता है।

    इस दौरान सभी कार्यकारी अभियंता ने बादशाहपुर और मिर्जापुर एसटीपी का दौरा भी किया गया था। जिले में बादशाहपुर एसटीपी में 90 एमएलडी पानी को ट्रीट किया जा रहा है।

    वहीं मिर्जापुर एसटीपी में निगम 120 एमएलडी पानी को ट्रीट करके रियूज कर रहा है। यह पानी खेतों में सिंचाई और निर्माण कार्य में प्रयोग किया जा रहा है।

    सीवर कनेक्शन को एसटीपी से जाेड़ने का काम शुरू 

    निगम आयुक्त से सीवर कनेक्शन को एसटीपी से जोड़ने का काम शुरू कर दिया है। ताकि ड्रेन में केवल वर्षा का पानी ही जा सके।

    अभी केवल नाममात्र कालोनियों के सीवर कनेक्शन ही एसटीपी से हो रखे है। बाकी सीवर का पानी ड्रेन में गिराया जाता है। फिर यही ड्रेन का पानी यमुना नदी में जाकर मिलता है।

    एएसआर माॅडल को लेकर भी काम करेगा निगम

    निगम वाटर ट्रीटमेंट और रियूज से आगे बढ़कर एएसआर माॅडल एक्यूफायर स्टोरेज एंड रिकवरी) पर भी काम करने की योजना बना रहा है। इसमें भूजल स्तर तेजी से बढ़ता है। पानी भी आपात स्थिति में स्टोर रहता है।

    अभी केवल आस्ट्रेलिया ही इस माॅडल पर काम कर रहा है। वर्तमान में भूजल स्तर बढ़ाने के लिए रेनवाटर हारवेस्टिंग सिस्टम लगाए गए हैं, लेकिन यह सिस्टम दो से तीन साल में काम करना बंद कर देते हैं।

    कार्यकारी अभियंता नितिन कादियान ने आस्ट्रेलिया में वाटर ट्रीटमेंट और उसके रियूज को लेकर हुई ट्रेनिंग में एएसआर माडल पर भी काम किया था। प्रदेश सरकार भेजी जाने वाली रिपोर्ट में निगम की ओर से एएसआर माॅडल का भी विवरण किया जाएगा। 

    वाटर ट्रीटमेंट और उसके रियूज को लेकर सरकार के पास पूरी रिपोर्ट बनाई जा रही है। वाटर ट्रीटमेंट को लेकर सही तरीके से काम किया जाएगा तो पानी की किल्लत हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। 

    - नितिन कादियान, कार्यकारी अभियंता, नगर निगम

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