दिल्ली-एनसीआर में गर्मी का सितम बरकरार, स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी
फरीदाबाद में गर्मी का प्रकोप जारी है तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। लोगों को गर्मी से बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नींबू पानी छाछ जैसे पेय पदार्थों का सेवन करने और हल्के कपड़े पहनने की सलाह दी है। हीट स्ट्रोक से बचने के लिए तत्काल चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी गई है। अस्पतालों में पर्याप्त दवाएं उपलब्ध हैं।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। जिले में गर्मी का सितम बुधवार को भी बरकरार रहा। सुबह से ही तेज धूप निकली हुई थी। लोगों ने घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरती।
सिर व मुंह ढक कर ही लाेग बाहर निकले। गर्मी से बचाव काे लोगों ने छतरी तथा गमछे का सहारा लिया। शीतल पेय पदार्थों पर जोर दिया गया। एक बाजार दोपहर दो बजे से खर बजे तक सुनसान रहे।
जिले में दिन का अधिकतम ताममान 43 तथा न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मौसम में सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए। गर्मी में बीमारियों से बचना है तो खानपान का ध्यान रखें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें।
इन उपायों को अपनाएं
- हीट स्ट्रोक से बचने के लिए सबसे बचाव जरूरी है।
- नींबू पानी, नमक-चीनी का घोल, छाछ, लस्सी या सत्तू का सेवन करना चाहिए।
- मौसमी फल और हरी सब्जियां खानी चाहिए।
- घर से बाहर निकलते समय हल्के और सूती कपड़े पहनें, सिर को टोपी या छाते से ढक कर चलें।
- खाली पेट या बिना पानी पीये घर से बाहर न निकलें।
- बाहर काम करने वालों को हर 30 मिनट में थोड़ास-थोड़ा पानी पीते रहना चाहिए।
- बच्चों और बुजुर्गों को धूप में न जाने दें और यदि बाहर जाना जरूरी हो तो विशेष सावधानी बरतें।
- गर्मी के कारण डिहाइड्रेशन की स्थिति में मुंह सूखता है और घबराहट या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। ऐसी स्थिति में तुरंत तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए और चिकित्सकीय सलाह लेना जरूरी हो जाता है।
- इस मौसम में तले-भुने और आयली खाने से परहेज करें।
- जंक फूड और ठंडी कोल्ड ड्रिंक्स की जगह घरेलू पेय जैसे शिकंजी, बेल का शरबत का सेवन करें।
पुराने हृदय रोगी अपनी जांच बराबर कराते रहें। डाक्टर के संपर्क में रहें। मधुमेह और रक्तचाप नियंत्रित रहना चाहिए। धूमपान और शराब से दूरी बनाएं, क्योंकि इससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है। स्वास्थ्य को लेकर जागरूक रहेंगे तो बीमारियों से बचे रहेंगे।
डॉ. शैलेश जैन, हृदय रोग विशेषज्ञ तथा चेयरमैन, यूनिवर्सल अस्पताल।
इस मौसम में राग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण बुजुर्गों और बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी अधिक दिक्कत होती है। ऐसे में इनकी सेहत पर खास ध्यान देना चाहिए। वैसे हमारे सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में दवाएं और ग्लूूकोज उपलब्ध हैं। अगर कभी कोई तकलीफ हो तो सरकारी केंद्र आकर दवा लें।
डॉ. एमपी सिंह, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी।
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