Haryana News: प्लॉटों की खरीद-बिक्री की नई पॉलिसी से प्रॉपर्टी बाजार में मची हलचल, क्यों हो रहा इसका विरोध?
हरियाणा में एचएसवीपी की नई प्लॉट खरीद-बिक्री नीति का प्रॉपर्टी डीलर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे प्रॉपर्टी बाजार में हलचल है और उनका काम ठप हो जाएगा। डीलरों की एसोसिएशन मुख्यमंत्री से मिलकर नीति वापस लेने की मांग करेगी। सरकार का कहना है कि इससे पारदर्शिता आएगी लेकिन कारोबारियों को कई खामियां नजर आ रही हैं।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) निजी संपत्तियों की खरीद-बिक्री कराने की नई नीति से प्रॉपर्टी बाजार में पूरी तरह से हलचल मच गई है। एक तरह से प्रॉपर्टी डीलरों का काम पूरी तरह से ठप हो जाएगा। इस नीति को लेकर डीलरों की तमाम एसोसिएशन लामबंद हो गई हैं।
नीति अस्पष्ट और सही नहीं होने की बात कही जा रही है। इस मसले को लेकर अब एसोसिएशन के पदाधिकारी जल्द मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिलेंगे। नीति वापस लेने की मांग की जाएगी। बता दें अब प्राधिकरण प्रॉपर्टी डीलर की तर्ज पर निजी संपत्तियों की खरीद-बिक्री का काम करेगा।
इसकी एचएसवीपी दोनों पक्षों से कमीशन भी लेगा। इसके लिए पोर्टल भी लॉन्च कर दिया गया है। इस पर कोई भी प्लाट धारक अपने प्लाट को बेचने के लिए आवेदन कर सकता है। नीलामी के माध्यम से प्लाट बेचा जाएगा। इसकी तारीख 27 सितंबर तय कर दी गई है। सरकार के अनुसार नीति से विक्रेता और क्रेता के बीच लेन-देन में पारदर्शिता आएगी।
विवाद का पता नहीं चलेगा
कारोबारियों के अनुसार यदि किसी प्रॉपर्टी में कोई विवाद है जैसे लोन लिया है, या किसी अन्य के पास गिरवी रखी है तो इसकी क्या गारंटी रहेगी। प्रॉपर्टी खरीदने वाला तो फंस जाएगा। मौके पर कब्जा कौन दिलाएगा। इस तरह की कई खामियां हैं, जिनके बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। इसलिए इस नीति का विरोध हो रहा है।
इस नीति में सबसे बड़ी खामी यह है कि यदि सौदा करते समय क्रेता या विक्रेता की मौत हो जाती है तो फिर क्या होगा। क्योंकि बाद में मृतक के उत्तराधिकारी बनने में कई महीने लग जाते हैं, तब तक यह मामला लटक जाएगा।कई बार लोग ऐसे होंगे तो अपनी प्रॉपर्टी के अधिकतम दाम नीलामी में लगवा लेंगे ताकि भविष्य में इसे और अधिक दाम पर बेचा जा सके।
आकाश गुप्ता, प्रधान, फरीदाबाद एस्टेट एजेंट्स एसोसिएशन
फिलहाल प्रॉपर्टी बाजार से प्रदेश में लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है। इन सभी का राेजगार छीन जाएगा। अभी प्रॉपर्टी कारोबारी सरकार को करोड़ों रुपये का टैक्स देते हैं और अपनी रोजी-रोटी चला रहे हैं, ऐसे सभी लोगों पर संकट आ जाएगा।
- गुरमीत सिंह देयोल, महासचिव
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