Faridabad News: जरूरतमंदों को आवास देने में पिछड़ रही औद्योगिक नगरी, कहां हुई चूक? एक क्लिक में पढ़ें सबकु
केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना फरीदाबाद में जमीन की कमी के कारण मुश्किल में है। 30 हजार पात्र आवेदकों के लिए निगम अभी तक जमीन नहीं खोज पाया है। प्रदे ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम आवास योजना को औद्योगिक नगरी की जमीन पर लागू करना मुश्किल हो रहा है। क्योंकि निगम अभी तक जरूरतमंद लोगों के लिए फ्लैट बनाने के लिए जमीन नहीं तलाश पाया है।
प्रदेश सरकार जमीन तलाशने के लिए निगम को तीन बार पत्र लिख चुकी है। वहीं, निगम का कहना है कि उनके पास उपलब्ध जमीन पर तीन हजार फ्लैट नहीं बनाए जा सकते। ऐसे में प्रदेश सरकार को सुझाव दिया गया कि जिस तरह बापू नगर और डबुआ कॉलोनी में जरूरतमंद लोगों को फ्लैट दिए गए हैं, उसी तरह अलग-अलग जगहों पर फ्लैट बनाए जा सकते हैं। वहीं, आवेदक घर पाने के लिए हर दिन निगम के चक्कर लगा रहे हैं।
50 हजार में से 30 हजार आवेदन सही
2017 में इस योजना के तहत 50 हजार लोगों ने आवेदन किया था। स्क्रीनिंग के बाद 30 हजार लोग पात्र पाए गए। इसके बाद उन्हें मकान देने की योजना बनाई गई। इनमें से 240 आवेदन ऐसे हैं, जो अपनी जमीन पर नया मकान बनाना चाहते हैं। बाकी फ्लैट चाहते हैं।
नगर निगम की ओर से यह विकल्प भी तैयार किया गया था कि डबुआ और बापू विहार में निगम द्वारा बनाए गए फ्लैटों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिया जाए, लेकिन बाद में ये फ्लैट खोरी के विस्थापितों को दे दिए गए। निगम का कहना है कि जिन 24 गांवों को शामिल किया गया है, वहां जमीन की संभावना तलाशी जा रही है। अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
जरूरतमंदों को आवास देने में पिछड़ रही औद्योगिक नगरी
फरीदाबाद अभी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान देने में पिछड़ रहा है। 30 हजार आवेदन आने के बाद भी एक भी निर्माण नहीं हो पाया है। इस मामले में रोहतक पूरे प्रदेश में सबसे आगे है। रोहतक में 80 फीसदी आवेदकों को मकान दिए जा चुके हैं। भिवानी में 66 फीसदी, झज्जर में 53 फीसदी और पानीपत में 51 फीसदी मकान जरूरतमंदों को दिए जा चुके हैं।
बिल्डरों से बातचीत भी नहीं बनी बात
प्रधानमंत्री आवास योजना को लागू करने के लिए जिले में निर्माण कर रहे बिल्डरों से बातचीत की गई। इसमें वे योजना के तहत आवेदन करने वाले लोगों को 10 प्रतिशत कोटा देंगे, लेकिन बिल्डर राज्य सरकार की इस बात को भी मानने से इनकार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि फ्लैट देने में उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में निगम को अपने क्षेत्र में इन फ्लैटों को बनाने के लिए जगह तलाशनी पड़ेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना के फ्लैटों के लिए फिर से जगह तलाशी जा रही है। करीब 30 हजार आवेदकों के लिए फ्लैट बनाए जाने हैं। योजना शाखा की ओर से जमीन तलाशने का काम लगातार जारी है।
-द्वारका प्रसाद, जिला परियोजना नोडल अधिकारी

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