फरीदाबाद के सरकारी स्कूलों में कमरों की कमी दूर, छात्रों को मिलेगी राहत
शिक्षा विभाग द्वारा बल्लभगढ़ के सरकारी स्कूलों में कमरों की कमी को दूर करने के लिए ₹23.88 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य किया जा रहा है। पुराने स्कूलों में जर्जर कमरे और कमरों की कमी के कारण छात्रों को परेशानी हो रही थी। ग्रामीणों की मांग पर शिक्षा विभाग ने योजना बनाकर कई स्कूलों में निर्माण कार्य शुरू कर दिया है जिससे अगले सत्र में छात्रों को सुविधा मिलेगी।

जागरण संवाददाता, बल्लभगढ़। शिक्षा विभाग अधिक छात्र संख्या और अपर्याप्त कक्ष क्षमता वाले सरकारी स्कूलों में कमरों का निर्माण करा रहा है। इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अगले सत्र में कमरों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। ₹23.88 करोड़ (लगभग 28 लाख अमेरिकी डॉलर) की लागत वाली योजना के तहत यह कार्य चल रहा है।
पुराने सरकारी स्कूलों में या तो कमरे जर्जर हैं या फिर कमरों की कमी है, जिससे छात्रों को खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करनी पड़ रही है। इन छात्रों को गर्मी, बारिश और ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
इन गांवों के ग्रामीण लगातार विभागीय अधिकारियों, स्थानीय विधायकों और केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल से अपने स्कूलों में कमरों के निर्माण की मांग कर रहे हैं। शिक्षा विभाग की निर्माण एजेंसी के अधिकारियों ने इन स्कूलों के लिए एक योजना तैयार कर उच्च अधिकारियों को सौंपी है।
अधिकारियों ने योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत कई सरकारी स्कूलों में निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और कुछ में काम चल रहा है।
इन स्कूलों में कमरों का निर्माण हो चुका है
स्कूल का नाम | कमरों की लागत |
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राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बडौली | 3.24 करोड़ रुपये |
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एनआईटी नंबर 1 | 3.14 करोड़ रुपये |
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तिगांव | 3.96 करोड़ रुपये |
राजकीय प्राथमिक विद्यालय सेक्टर 23 | 1 करोड़ रुपये |
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 22 | 4.42 करोड़ रुपये |
इन सरकारी स्कूलों में कमरों के निर्माण का कार्य शुरू
स्कूल का नाम | कमरों की लागत |
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राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सागरपुर | 3.31 करोड़ रुपये |
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी कलां | 3.10 करोड़ रुपये |
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सेक्टर 8 | 1.01 करोड़ रुपये |
परियोजना पर काम तेजी से चल रहा है। अगले सत्र में इन स्कूलों में विद्यार्थियों को बैठने में कोई परेशानी नहीं होगी। जिन स्कूलों में कमरे बन चुके हैं, उन्हें स्कूल प्रबंधन को सौंप दिया गया है ताकि नए कमरों में कक्षाएं लग सकें। सर्दी का मौसम शुरू होने वाला है। जिन कमरों का निर्माण अभी नहीं हुआ है, उन पर काम शुरू हो चुका है।
-सुनील श्योकंद, उपमंडल अधिकारी, भवन निर्माण शाखा, शिक्षा विभाग
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