भीषण गर्मी में बच्चे हो रहे हैं डायरिया और बुखार से पीड़ित, डॉक्टरों ने दी ये सलाह
फरीदाबाद में उमस भरी गर्मी के कारण बच्चे और बड़े बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। अस्पतालों में बुखार खांसी और दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। नागरिक अस्पताल में बच्चों के वार्ड में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। डॉक्टर साफ-सफाई और खानपान पर ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं। अभिभावकों को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। जिले में पड़ रही उमस भरी गर्मी बच्चों और बड़ों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है। पिछले दो-तीन दिनों से सरकारी और निजी अस्पतालों में बुखार, खांसी और दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। नागरिक अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार, मंगलवार को बच्चों के वार्ड में बुखार, दस्त और निमोनिया के 20 बच्चों का इलाज चल रहा था।
ये बच्चे पिछले तीन दिनों में वार्ड में भर्ती हुए हैं। इनमें से ज्यादातर बच्चे संजय कॉलोनी और बल्लभगढ़ क्षेत्र के हैं। सोमवार को 24 घंटे में विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त 180 से अधिक मरीज आपातकालीन विभाग में भर्ती हुए। बाह्य रोगी उपचार की बात करें तो रोजाना 2600 से अधिक मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं, जिनमें से लगभग 220 बच्चे रोजाना ओपीडी में आ रहे हैं।
तापमान में उतार-चढ़ाव स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है। सोमवार को जिले का अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में खानपान का ध्यान रखना जरूरी है।
रेफर किए जा रहे मरीज
बुखार से पीड़ित छह वर्षीय राज को सिविल अस्पताल के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया। बाद में उसे रेफर कर दिया गया। राज की माँ किरण ने बताया कि उनके बेटे को कई दिनों से बुखार था। सिविल अस्पताल आने के बाद, उसे सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। गौछी गाँव की रहने वाली लच्छो देवी को दस्त की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बल्लभगढ़ निवासी रत्नेश शर्मा और यशोदा ने अपने बेटे कान्हा को बुखार और दस्त से पीड़ित होने पर अस्पताल में भर्ती कराया। अब उसकी हालत में सुधार है। इसी तरह, संजय कॉलोनी निवासी अंशु कुमारी ने अपनी बेटी ललिता को बुखार से पीड़ित होने पर अस्पताल में भर्ती कराया। सेक्टर 3 निवासी अनीता ने अपनी पोती अनुष्का को, जो बुखार और दस्त से पीड़ित थी, शिशु वार्ड में भर्ती कराया।
दस्त से बचाव के लिए बच्चों की देखभाल ज़रूरी है। बदलते मौसम और तेज़ धूप ने बच्चों में बीमारी का खतरा बढ़ा दिया है। साफ़-सफ़ाई का विशेष ध्यान रखें। नियमित रूप से हाथ धोना और घर में साफ़-सफ़ाई बनाए रखना ज़रूरी है। सुरक्षित भोजन और शुद्ध पानी का सेवन बेहद ज़रूरी है। सावधानियां बरतकर हम स्वस्थ रह सकते हैं।
-डॉ. तौसीफ, बाल रोग विशेषज्ञ, एकॉर्ड अस्पताल, ग्रेटर फरीदाबाद।
गर्मियों में अक्सर गलत खान-पान के कारण पेट संबंधी बीमारियाँ हो जाती हैं। कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण बच्चों को दस्त और बुखार होने की संभावना ज़्यादा होती है। ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हालाँकि, ज़िला नागरिक अस्पताल और सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त दवाइयाँ उपलब्ध हैं।
-डॉ. जयंत आहूजा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी।
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