जागरण पड़ताल: न डॉक्टर न फार्मासिस्ट, ये कैसा आयुष्मान आरोग्य केंद्र?
फरीदाबाद के नंगला एंक्लेव स्थित आयुष्मान आरोग्य केंद्र में डॉक्टरों और फार्मासिस्ट की कमी के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है। केंद्र पर दवाइयों की कमी भी है जिससे मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है। गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने में भी दिक्कतें आ रही हैं क्योंकि पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है और अक्सर कर्मचारी फील्ड में होते हैं।

अनिल बेताब, फरीदाबाद। जिला स्वास्थ्य विभाग महिलाओं व बच्चों को बेहतर सेवाएं देने का दावा करता है, लेकिन हालात कुछ अलग ही हैं। नंगला एंक्लेव पार्ट वन स्थित आयुष्मान आरोग्य केंद्र की हालत देखकर कहा जा सकता है कि यहां मरीजों को संतोषजनक सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।
जागरण की पड़ताल के दौरान यहां न तो कोई डॉक्टर मिला और न ही फार्मासिस्ट। यहां आने पर महिलाओं व बच्चों को उपचार के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। जागरण ने पड़ताल की तो पता चला कि केंद्र दिनभर बिना डॉक्टर व फार्मासिस्ट के चलता रहा।
आयुष्मान आरोग्य केंद्र के डॉक्टर व लैब टेक्नीशियन छुट्टी पर थे। फार्मासिस्ट जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल गया हुआ था। ऐसे में सिर्फ दो प्रशिक्षु फार्मासिस्ट ने ही कई पुराने मरीजों को देखा और नए मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ा। सिर्फ महिला कर्मचारी व आशा वर्कर ही अपने काम में व्यस्त थीं।
यहां आयोजित विशेष सत्र में गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण व खानपान के बारे में जागरूक किया गया। हैरानी की बात यह है कि इस केंद्र से 91 हजार से अधिक आबादी जुड़ी हुई है। हर माह 250 से अधिक गर्भवती महिलाएं जांच के लिए आती हैं, इसके बावजूद यहां डिलीवरी हट नहीं है। केंद्र के प्रवेश द्वार पर आवारा पशु घूमते नजर आए।
दवा नहीं मिली, निराश होकर लौटना पड़ा
केंद्र पर कई मरीज आए, जिन्हें प्रशिक्षु फार्मासिस्ट ने देखा। बिमलेश अपने बेटे वैभव को खांसी और दस्त से पीड़ित होने पर दवा दिलाने आई थी। वहां कोई डॉक्टर नहीं था। ऐसे में वह प्रशिक्षु फार्मासिस्ट से मिली, लेकिन उसे दवा नहीं मिल सकी। प्रशिक्षु फार्मासिस्ट ने कहा कि यहां कोई डॉक्टर नहीं है और वह बच्चे को दवा नहीं दे सकता।
पोर्टल पर नाम अपलोड नहीं हो सका
ट्रैकिंग सिस्टम के चलते इन दिनों गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नंगला एन्क्लेव निवासी गर्भवती अलका दो दिन से केंद्र पर आ रही है, लेकिन उसका अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहा है। इसको लेकर गर्भवती महिला ने केंद्र पर आकर रोष जताया।
बाद में जब वह महिला कर्मचारी निशा, रेखा और आशा वर्कर कमलेश से मिली, तो उसकी समस्या का समाधान हुआ। उसका नाम पोर्टल पर दर्ज कर दिया गया। अलका ने बताया कि नाम दर्ज होने के बाद अब वह निजी संस्थान में जाकर अल्ट्रासाउंड करवाएंगी। जिला नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन अल्ट्रासाउंड नहीं होता।
पंजीकरण अनिवार्य
स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से हर गर्भवती महिला का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। गर्भवती महिला का नाम मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग पोर्टल पर दर्ज होने के बाद ही अल्ट्रासाउंड हो सकता है। यह काम केंद्र में मौजूद महिला कर्मचारी या आशा वर्कर करती हैं। अब अगर महिला कर्मचारी और आशा वर्कर फील्ड में हैं तो केंद्र पर आने वाली गर्भवती महिला को पंजीकरण के लिए इंतजार करना पड़ता है।
ओपीडी में आने वाले मरीज
- 2800, एक माह में ओपीडी में आने वाले कुल मरीज।
- 1500, एक माह में लैब में किए गए टेस्ट
इन दवाओं की है कमी
कैल्शियम, कफ सिरप और आयरन की गोलियों की कमी है।
ये हैं हालात
- 01- चिकित्सा अधिकारी स्वैच्छिक अवकाश पर।
- 01, लैब टेक्नीशियन, स्वैच्छिक अवकाश।
- 01, फार्मासिस्ट, जिला नागरिक अस्पताल गए।
- 01, नर्सिंग ऑफिसर, स्वैच्छिक अवकाश।
नंगला एन्क्लेव का आयुष्मान केंद्र किराए के भवन में चल रहा है। आस-पास के क्षेत्र में किराए पर बड़ा भवन तलाशने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद वहां डिलीवरी हट शुरू की जा सकेगी। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध हैं। यदि कोई अन्य कमी है तो उसे दूर किया जाएगा।
-डॉ. एमपी सिंह, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी।
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