Faridabad में 528 छात्रों की पुकार, क्या मंत्री और विभाग को है राजस्थान जैसे हादसे का इंतजार
राजस्थान में स्कूल की छत गिरने से हुई बच्चों की मौत के बाद फरीदाबाद के इंदिरा नगर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की जर्जर हालत चिंता का विषय है। पीडब्ल्यूडी द्वारा कंडम घोषित भवन में 528 विद्यार्थी जान जोखिम में डालकर पढ़ रहे हैं। कमरों की कमी और बारिश में टपकते पानी के बीच स्कूल प्रबंधन नए भवन की मांग कर रहा है।

निभा रजक, फरीदाबाद। राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में शुक्रवार सुबह सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई। सरकार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के प्रति देशभर के लोग इंटरनेट मीडिया के माध्यम से रोष जता रहे हैं। फरीदाबाद के इंदिरा नगर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भी इस प्रकार का हादसा होने का खतरा है।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूएडी) द्वारा वर्ष 2022 में कंडम और खतरनाक घोषित भवन में आज भी 528 विद्यार्थी जान जोखिम में डालकर पढ़ रहे हैं। यह हाल कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल के विधानसभा क्षेत्र के उस सरकारी स्कूल का है जो नेशनल हाइवे से सटा हुआ है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में इंदिरा कालोनी, मुजेसर, आजाद नगर और आटो पिन सहित आस-पास के हिस्सों से विद्यार्थी पढ़ने के लिए पहुंचते हैं। स्कूल में 11 कमरे हैं। इनमें से चार की स्थिति बेहद खराब है, इसलिए ताला लगा दिया गया है। जबकि सात कमरों में कक्षाएं आयोजित होती हैं।
बच्चों की संख्या अनुसार कमरे नहीं होने के कारण स्कूल में टीन शेड लगाकर पढ़ाया जा रहा है। विद्यार्थियों के शारीरिक विकास के लिए कोई पार्क या ग्राउंड नहीं है। स्कूल के आगे सड़क कच्ची है, वर्षा के बाद छात्रों को जलभराव से भी जूझना पड़ता है।
जिस कमरे में आयोजित होती हैं कक्षाएं, अचानक गिरा प्लास्टर
स्कूल की स्थिति इस कदर खराब है कि वर्षा के दौरान कमरों से पानी टपकता है। कक्षाएं आयोजित करने में बेहद परेशानी होता है। अध्यापकों और प्रधानाचार्य के कमरों तक पानी भर जाता है। कमरों की दीवारों और छत से सीमेंट गिरती है। पिछले सप्ताह दो दिनों तक हुई वर्षा के कारण छत से प्लास्टर गिर गया।
इस कमरे में कक्षाएं आयोजित होती हैं, गनीमत यह रही कि प्लास्टर रात के समय गिरा नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। कमरे में ताला लगा दिया गया है, इसमें कक्षाएं आयोजित नहीं हो रही हैं। लेकिन अन्य कमरों की स्थिति भी बेहद खराब है। कभी भी हादसा हो सकता है।
कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल के विधानसभा का है ये हाल
मंगलवार को दैनिक जागरण की संवाददाता ने स्कूल की पड़ताल की। डर के साये में पढ़ रहे छात्रों के चेहरे पर भय साफ दिखाई दिया। स्कूल प्रबंधन की ओर से भी पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह और वर्तमान अधिकारी अशोक बघेल और मंत्री को अनगिनत बार अवगत कराया जा चुका है। आश्चर्य की बात तो यह है कि कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल के विधानसभा का सरकारी स्कूल इस दशा में है। मामला मंत्री के संज्ञान में होते हुए भी कोई समाधान नहीं हो पा रहा है।
विद्यार्थियों की मांग, जल्द किया जाए स्कूल के भवन का निर्माण
अध्यापकों ने बताया कि देश का भविष्य जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण कर रहा है। नेशनल हाइवे पर पेट्रोल पंप के पास सरकारी जमीन खाली है। अगर यहां स्कूल बना दिया जाए तो समस्या का समाधान हो जाएगा। एक निजी कंपनी की भी जमीन खाली है, जमीन खरीदकर वहां भी स्कूल बनाया जा सकता है।
छात्रों ने बताया कि राजस्थान का हादसा दर्दनाक था, हमारे स्कूल में भी ऐसी घटना हो सकती है। वर्ष 2015 से स्कूल को शिफ्ट करने और नया भवन बनाने की योजना है, लेकिन सिरे नहीं चढ़ पा रही है। एक छात्रा ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की सरकार में स्कूल जर्जर और कंडम हैं। यहां जान का खतरा बना हुआ है, ऐसे में बेटियां भला कैसे पढ़ेंगी। स्कूल प्रबंधन तो बार-बार नए भवन की मांग कर रहा है, लेकिन अधिकारी सुन ही नहीं रहे हैं।
सरकारी स्कूल का नया भवन बनाने के लिए जमीन नहीं मिल पा रही है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और एक निजी कंपनी की जमीन है। जमीन खरीदने तथा स्कूल शिफ्ट करने को लेकर उच्च अधिकारियों को फाइलें भेजी गई है। अनुमति के बाद ही जमीन के खरीद और निर्माण कार्य होगा। - डा. मनोज मित्तल, उप जिला शिक्षा अधिकारी
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