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    Faridabad News: कार और होटल के कमरों से चलता था साइबर ठगी का कारोबार

    By Harender NagarEdited By:
    Updated: Thu, 06 Oct 2022 08:13 PM (IST)

    Faridabad News देशभर में साइबर ठगी की 1398 वारदात करने वाले गिरोह के सदस्य बेहद शातिर हैं। काल करने का आरोपितों का कोई निर्धारित स्थान नहीं था। वे होटल का कमरा बुक कराते थे और वहीं बैठकर कालिंग करते थे। इसके अलावा कारों में बैठकर भी काल करते थे।

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    Faridabad News: कार और होटल के कमरों से चलता था साइबर ठगी का कारोबार : जागरण

    फरीदाबाद, हरेंद्र नागर: देशभर में साइबर ठगी की 1398 वारदात करने वाले गिरोह के सदस्य बेहद शातिर हैं। काल करने का आरोपितों का कोई निर्धारित स्थान नहीं था। वे होटल का कमरा बुक कराते थे और वहीं बैठकर कालिंग करते थे। इसके अलावा कारों में बैठकर भी काल करते थे। आरोपित अपना ठिकाना लगातार बदलते रहते थे। इसलिए पुलिस इन्हें पकड़ नहीं पा रही थी।

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    आरोपितों ने फरीदाबाद की रहने वाली एक महिला से 39 हजार रुपये हड़प लिए थे। महिला ने निजी बैंक से नया क्रेडिट कार्ड जारी कराया था। देवेंद्र ने क्रेडिट कार्ड धारक की जानकारी अपने साथियों को दी, जिसके बाद आरोपितों ने महिला को बैंक कस्टमर केयर का प्रतिनिधि बनकर काल किया और क्रेडिट कार्ड को एक्टिवेट करने के बहाने कार्ड नंबर, सीवीवी, एक्सपायरी डेट व ओटीपी की जानकारी लेकर रुपये उड़ा लिए।

    इस मामले की जांच करते हुए साइबर थाना पुलिस आरोपितों तक पहुंची। आरोपितों के कब्जे से छह मोबाइल, तीन सिम कार्ड, 19 डेबिट कार्ड, आठ चेक बुक व 25,300 रुपये बरामद हुए हैं।

    तय था सभी का काम और हिस्सा

    गिरोह में काम करने वाले सभी सदस्यों का काम और हिस्सा तय था। देवेंद्र का काम डाटा उपलब्ध कराने का था। वह नोएडा के एक निजी बैंक में काम करता था। वहां से नए क्रेडिट कार्ड जारी कराने वालों का डाटा चोरी कर साथियों को देता था। इस काम के लिए उसे छह प्रतिशत कमीशन मिलता था।

    इरफान फर्जी बैंक खाते खुलवाकर नसीम को देता था। आरोपित अमित उर्फ सोनू, आसीम, सचिन व मोहम्मद कैफ कालिंग करके लोगों को झांसे में लेते थे। सोनू धोखाधड़ी से प्राप्त रकम को फर्जी बैंक खातों से निकलवाकर अपने साथियों को देता था।

    प्रत्येक ठगी पर काल करने वालों को पांच प्रतिशत कमीशन मिलता था। बैंक खाता उपलब्ध कराने वालों को 10 प्रतिशत और ठगी के रुपये निकालने वाले को पांच प्रतिशत मिलता था।