आयुष्मान कार्ड है तो हरियाणा में अब इन बीमारियों का निजी अस्पताल में नहीं होगा इलाज, सरकारी में जाना होगा
आयुष्मान भारत योजना में बदलाव के चलते अब निजी अस्पतालों में मोतियाबिंद समेत पांच बीमारियों का इलाज नहीं होगा। मरीजों को सरकारी अस्पतालों का रुख करना पड़ेगा जिससे नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ेगी। अस्पताल प्रशासन के अनुसार गंभीर मामलों को प्राथमिकता दी जा रही है। आईएमए ने सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधा होने पर निर्णय का समर्थन किया है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: आयुष्मान भारत योजना के तहत अब निजी अस्पतालों में मोतियाबिंद, बच्चेदानी व दूरबीन से पित की थैली का ऑपरेशन, उल्टी-दस्त और दमा का इलाज नहीं होगा।
इस योजना में सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं। जिनमें पांच बीमारियों के ऑपरेशन अब निजी अस्पताल में न होकर सरकारी अस्पतालों में किए जाएंगे।
जिला नागरिक अस्पताल में अभी तक हर महीने अस्पताल में 70 से अधिक पित थैली के आपरेशन किए जाते हैं। लगभग 200 मरीज ऐसे हैं जिन्हें तीन से चार महीने बाद की तारीख दी गई है।
सरकार अस्पताल में मरीज अपने ऑपरेशन का इंतजार कर रहे
ऐसे में आयुष्मान कार्ड को पैनल की निजी अस्पतालों में इलाज नहीं करने से नागरिक अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ेगी। पिछले कई दिनों से अस्पताल में मरीज ऑपरेशन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
बल्लभगढ़ निवासी दिलीप ने बताया कि उनकी पत्नी में खून की कमी है और पित की थैली का भी आपरेशन है इलाज करने के लिए कई दिनों से नागरिक अस्पताल आ रहे हैं मगर उन्हें अभी तक तारीख नहीं मिल पाई।
अगर कोई केस गंभीर है तो दी जाती है प्राथमिकता
इस बारे में अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विकास गोयल ने कहा कि सभी मरीजों का संतोषजनक इलाज किया जा रहा है।
मरीजों की स्थिति को देखकर के ही तारीख दी जा रही है।अगर कोई गंभीर केस होता है तो उनको प्राथमिकता दी जाती है।
सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है अगर सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं मौजूद है तो मरीजों का वहीं बेहतर इलाज होना चाहिए। अन्य मामलों में पैनल के निजी अस्पताल में बेहतर सेवाएं दी जा रही हैं।
- डॉ. सुरेश अरोड़ा, अध्यक्ष, आयुष्मान कमेटी आईएमए
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