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    Bulldozer Action: 6 हजार से ज्यादा आशियाने टूटे, अब फार्महाउस की बारी... सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई जारी

    By Jagran NewsEdited By: Kapil Kumar
    Updated: Thu, 29 May 2025 04:44 PM (IST)

    फरीदाबाद में अरावली के अवैध निर्माण पर सेंट्रल एंपावर्ड कमिटी 30 मई को समीक्षा करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने निगरानी के लिए कहा है। 2021 में खोरी कॉलोनी के 6 हजार से ज्यादा घर तोड़े गए थे। कोर्ट ने 2022 में अवैध निर्माण हटाकर वन विकसित करने के आदेश दिए थे। वन विभाग ने ड्रोन से सर्वे किया पर कार्रवाई पूरी नहीं हुई। अब जुलाई 2025 तक रिपोर्ट सौंपनी है।

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    अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट सीईसी के समक्ष पेश करेंगे अधिकारी।

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। अरावली में हुए अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की समीक्षा 30 मई को सेंट्रल एंपावर्ड कमिटी (सीईसी) करेगी। यह कमेटी पर्यावरण के मामलों में सुप्रीम कोर्ट को सलाह देती है।

    कोर्ट ने मामले की निगरानी के लिए कमेटी को निर्देश दिया है। बीते दिनों हुई मीटिंग में कमेटी ने प्रदेश सरकार और वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की थी। आगामी मीटिंग को लेकर अधिकारी तैयारी में जुटे हैं।

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    दरअसल, 2021 में अरावली वन भूमि क्षेत्र में बसी खोरी कालोनी के 6 हजार से ज्यादा घरों को तोड़ दिया था। खोरी के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने अरावली में बने फार्महाउस और अन्य इकाइयों पर भी कार्रवाई की मांग की थी।

    जुलाई 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने अवैध निर्माणों हटाकर वन विकसित करने के आदेश दिए थे। वर्ष 2022 से अब तक वन विभाग सभी इकाइयों पर कार्रवाई नहीं कर पाया है। विभाग ने ड्रोन से सर्वे कराया गया। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई की तारीख नजदीक आते देख कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ भी की गई। अरावली वन क्षेत्र में 6793 से अधिक छोटे-बड़े अवैध निर्माण को हटाया जाना है।

    17 अप्रैल को हुई थी सुनवाई, अवैध निर्माण हटाकर रोपने हैं पौधे

    वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अरावली वन क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने का समय दिया है। बीते 17 अप्रैल को सुनवाई हुई। अरावली से कब्जों को हटाकर जुलाई 2025 के अंत तक रिपोर्ट सौंपनी है। अगस्त में मामले पर फिर सुनवाई हो होगी। पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने जिला वन विभाग को समय दिया था। विभाग ने कुछ हिस्सों से अवैध निर्माण हटाया था। एक बार फिर तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू हो गई है।

    सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अरावली में हुए अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई जारी है। पिछली मीटिंग में जो आदेश दिए गए थे, उनकी पालना की जा रही है। सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी के समक्ष शुक्रवार को रिपोर्ट पेश करनी है। - नरेश रंगा, जिला वन अधिकारी