Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शुद्ध हवा के प्रयासों पर निगम ने अपनी पीठ थपथपाई, अब काम खराब कर सकती है PCB की लापरवाही

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 04:16 PM (IST)

    फरीदाबाद में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में सुधार दिखा पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही से एक्यूआइ मापने वाली मशीनें पांच माह से बंद हैं। इससे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर बुलेटिन में फरीदाबाद का नाम नहीं है। निजी एजेंसी का अनुबंध खत्म होने से मशीनें बंद हैं जिससे ग्रेप के दौरान कार्रवाई में मुश्किल हो रही है। अधिकारी जल्द टेंडर जारी करने की बात कर रहे हैं।

    Hero Image
    शुद्ध हवा के प्रयासों पर निगम ने अपनी पीठ थपथपाई, अब काम खराब कर सकती है पीसीबी की लापरवाही

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। फरीदाबाद में हाल में ही पर्यावरण मंत्रालय की ओर स्वच्छ वायु सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी की गई। जिसमें औद्योगिक नगरी में हवा में सुधार देखने को मिला। साल 2023-24 में जिले को इस सर्वे में 21वां स्थान दिया गया था। जबकि 2024-25 की जारी रिपोर्ट में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में दो अंक का सुधार होते हुए 19वां स्थान मिला। ऐसे में नगर निगम के अधिकारियों ने भी रिपोर्ट आने पर अपनी पीठ थपथपाते हुए सुधार का दावा किया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    निगम अधिकारियों की ओर से कहा गया कि अगले साल की सर्वेक्षण रिपोर्ट रैंकिंग इससे भी बेहतर होगी। लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही को देखते हुए ऐसा मुश्किल लग रहा है। क्योंकि पिछले पांच माह से केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी एयर बुलेटिन में फरीदाबाद का नाम नहीं है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि पिछले पांच माह से एयर क्वालिटी इंडेक्स को मापने वाली मशीनों ने काम करना बंद कर दिया है।

    प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से चार मशीन फरीदाबाद और एक मशीन बल्लभगढ़ में लगाई गई है। फरीदाबाद में यह मशीन सेक्टर 11, सेक्टर 16, एनआइटी व सेक्टर 30 में यह मशीन लगाई गई हैं। इन मशीनों को चलाने और रखरखाव करने की जिम्मेदारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निजी एजेंसी को दी हुई है।

    सूत्रों के अनुसार, एजेंसी के अनुबंध का समय पांच माह पहले पूरा हो गया था। उसके बाद दोबारा से कंपनी से टेंडर देने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है, जिसके चलते अभी तक मशीन बंद पड़ी हुई हैं। प्रदेश में 32 जगहों पर मशीने लगी हुई है। जिसमें से 30 जगह पर यह मशीन बंद पड़ी है। मशीने कब शुरू होगी। इसको लेकर जिला स्तर पर अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं हैं।

    ग्रेप के दौरान पड़ती है एक्यूआइ की को लेकर सबसे अधिक जरूरत

    एयर क्वालिटी इंडेक्स की सबसे अधिक जरूरत ग्रेप के दौरान पड़ती है। अक्टूबर के मध्य में ही केंद्रीय प्रदूषण निंयंत्रण बोर्ड की ओर से ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) की जरूरत पड़ती है। क्योंकि हवा के मानक अनुसार ही पाबंदिया घटाई और बढ़ाई जाती हैं। हालांकि दिल्ली एनसीआर में ग्रेप की पाबंदी एक साथ लागू होती है। लेकिन कई बार प्रदूषण के स्तर को लेकर स्कूल खोलने और बंद करने को लेकर उपायुक्त की ओर से भी निर्णय लिए जाते हैं। जिसके लिए फरीदाबाद के एक्यूआइ का डाटा होना जरूरी हैं।

    मशीने ठीक कराने को लेकर उच्चाधिकारियों से बात की जा रही है। एजेंसी को दोबारा से टेंडर कब तक जारी किया जाएगा। इसके बारे में जल्द ही स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। - संदीप सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड फरीदाबाद