Faridabad: अपनों ने पैदा होते ही मरने के लिए कचरे में फेंका, अमेरिका के दंपती ने अपनाया
फरीदाबाद में बाल कल्याण समिति ने एक साल पहले बच्चे को सेक्टर-31 शेल्टर होम भिजवाया था। वहीं उसका पालन पोषण हो रहा था। पुलिस ने बच्चे के माता-पिता के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया मगर कुछ पता नहीं चला।
फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। जिस बच्चे को पैदा होते ही अपनों ने मरने के लिए कचरे में फेंक दिया था, अब एक साल बाद उसे यूएसए (यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका) के दंपती ने अपनाया है। जिला बाल कल्याण समिति की तरफ से सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बच्चे को दंपती को सौंप दिया है।
समिति के चेयरमैन श्रीपाल करहाना ने बताया कि करीब एक साल पहले एक नवजात कचरे के ढेर में मिला था। बच्चे को किसी ने पड़े देखा तो पुलिस को सूचित किया। वहां से बच्चे को बाल कल्याण समिति लाया गया।
बाल कल्याण समिति ने बच्चे को सेक्टर-31 शेल्टर होम भिजवाया। वहीं उसका पालन पोषण हो रहा था। पुलिस ने बच्चे के माता-पिता के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया, मगर कुछ पता नहीं चला।
अब जब बच्चा करीब एक साल का हो गया तो बाल कल्याण समिति ने सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी के माध्यम से बच्चे की जानकारी अडॉप्शन (गोद लेना) के लिए अधिकारिक वेबसाइट पर डाल दी।
वहां से जानकारी इंटरनेशनल अडॉप्शन एजेंसी तक भी गई। इंटरनेशनल अडॉप्शन एजेंसी में यूएसए के दंपती गुरेंद्र सिंह ग्रेवाल और उनकी पत्नी क्रस्टा एनी ने पंजीकरण कराया हुआ था। बच्चे की जानकारी उनके पास तक पहुंची। उनका बच्चे पर दिल आ गया।
इसके बाद उन्होंने दूतावास के जरिये जिला बाल कल्याण समिति से संपर्क किया। बाल कल्याण समिति की तरफ से सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बच्चा दंपती को सौंप दिया। दंपती बच्चे को लेकर यूएसए रवाना हो गए। बाल कल्याण समिति के चेयरमैन श्रीपाल करहाना ने उम्मीद जताई है कि दंपती बच्चे का अच्छे से पालन पोषण करेंगे और उसे एक बेहतर जिंदगी देंगे।
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