यमुना में आई बाढ़ में फंसे दूल्हेपुर के ग्रामीण, 100 लोगों को बाहर निकाल राहत शिविर में ठहराया गया
फरीदाबाद में यमुना नदी में बाढ़ से दूल्हेपुर गांव के 100 ग्रामीणों को बचाया गया। बाढ़ से लगभग 3000 एकड़ फसल और 260 मकान प्रभावित हुए हैं। राहत शिविरों में 27 गांवों के 603 लोगों को ठहराया गया है। मंत्री राजेश नागर ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और किसानों को नुकसान की भरपाई का आश्वासन दिया।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। हथनी कुंड बैराज से चार दिन पहले यमुना में छोड़ा गया 3.29 हजार क्यूसेक पानी में से बृहस्पतिवार शाम तक दो लाख 44 हजार 478 क्यूसेक पानी आ चुका था। यमुना में खतरे के निशान 202.30 है, इससे नीचे 200.60 मीटर पर यमुना का जलस्तर रिकार्ड गया। इधर यमुना का पानी खेतों में लगातार भर रहा है, तो दूसरी ओर बार-बार चेतावनी के बावजूद दूल्हेपुर गांव के लोग घरों को छोड़ कर नहीं निकले।
इसका परिणाम यह रहा कि जब जलस्तर बढ़ गया तो यह फंस गए। प्रशासन के स्टाफ ने मोटर वोट और अन्य साधनों से फंसे लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू किया। दूल्हेपुर के 100 ग्रामीणों को निकाल कर अरुआ के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बनाए गए बाढ़ राहत शिविर में ठहराया।
इस बीच खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री राजेश नागर ने उपायुक्त विक्रम सिंह के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। मंत्री ने तिगांव विधानसभा क्षेत्र के मंझावली गांव, अमीपुर, जसाना, किडावली, सिडौला, सिडाक, तिलोरी खादर, बसंतपुर, ईस्मालपुर, एतमादपुर, ददसिया, नचौली में हालात जाने।
इस दौरान मंत्री ने किसानों से कहा कि वह अपने नुकसान की ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करें। सरकार नुकसान को देखते आर्थिक मदद करेगी। बसंतपुर-ईस्मालपुर के लोगों कहा कि ऐसी आपदा के समय अपने घरों को छोड़ कर बाढ़ राहत शिविर में आ जाएं। प्रशासन ने सभी के लिए भोजन व ठहरने की व्यवस्था की है। उन्होंने उपायुक्त को निर्देश दिए कि बाढ़ के दौरान लोगों को किसी भी तरह की परेशान नहीं होनी चाहिए।
बाढ़ के पानी में पकड़ रहे थे मछली, सूचना मिलने पर पहुंचे तहसीलदार
इधर यमुना में बाढ़ आई, दूसरी ओर कुछ लोगों को मस्ती सूझ रही थी। ऐसे लोग दिहाड़ी बनाने के चक्कर में नदी में मछली पकड़ने चले गए और जाल बिछा दिया। यह लोग बाइक पर बैठ कर बसंतपुर क्षेत्र में पहुंचे थे। जाल बिछाने की सूचना किसी ने फरीदाबाद के तहसीलदार यशवंत सिंह को दी। तहसीलदार मौके पर पहुंचे और उन्हें बाहर निकाल कर कड़ी चेतावनी के साथ वापस भेजा।
तीन हजार एकड़ भूमि की फसल डूबी
बाढ़ राहत शिविरों में यमुना किनारे बसे 27 गांवों के 603 लोगों को ठहराया गया है। इनमें अकेले दूल्हेपुर गांव के 100 से ज्यादा ग्रामीणों को आबादी में जलभराव होने के बाद सरपंच ताराचंद भाटी की मदद से बाहर निकाल कर अरुआ गांव के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बना गए राहत शिविर में ठहरा गया है। बाढ़ से तीन हजार एकड़ के करीब भूमि की फसल और 260 मकान प्रभावित हुए हैं। शिविरों में ठहरे लोगों को प्रशासन की तरफ से भोजन, चाय समय पर दी जा रही हैं। यह कार्य समाज सेवी संस्थाओं ने भी संभाला हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र के शिविरों में पंचायतों द्वारा भोजन की व्यवस्था की गई है।
यमुना में ओखला बैराज से लगातार दो लाख 44 हजार 478 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है। रात को भी जलस्तर बढ़ेगा। हथनी कुंड बैराज से अब एक लाख 32 हजार 295 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इस को देखते हुए शुक्रवार से नदी का जलस्तर घट सकता है। - अरविंद शर्मा, उपमंडल अधिकारी सिंचाई विभाग
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