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    Haryana Farmers: कपास की फसल पर बारिश और कीटों का कहर, मुआवजे की आस में किसान

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 10:49 AM (IST)

    फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में भारी बारिश और कीटों के कारण कपास की फसल बर्बाद हो गई है जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसान विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। सरकार एकीकृत कीट प्रबंधन और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर सब्सिडी दे रही है जिसके लिए पंजीकरण आवश्यक है।

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    फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में भारी बारिश और कीटों के कारण कपास की फसल बर्बाद हो गई है। फाइल फोटो

    सुभाष डागर, बल्लभगढ़। इस बार अत्यधिक बारिश और कीटों के हमले से कपास की फसल बर्बाद हो गई है। किसानों को अपनी लागत भी नहीं मिल पाई है। किसानों ने फसल की विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवजे की मांग की है। अभी तक इस मामले में कोई विशेष कदम नहीं उठाया गया है।

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    सरकार हर साल किसानों को जागरूक करती है कि वे ऐसी फसलें लगाएं जो कम से कम सिंचाई में पक जाएं। कपास को नकदी फसल माना जाता है। कपास में सिंचाई नहीं होती। इस फसल की जितनी अधिक निराई-गुड़ाई की जाएगी, उतना ही अच्छा होगा।

    जिले में किसानों ने 900 एकड़ जमीन पर कपास की फसल लगाई थी। इसमें से 147 एकड़ फसल यमुना में आई बाढ़ के कारण बर्बाद हो गई। इस बार जून से सितंबर तक लगातार अच्छी बारिश हुई। पिछले पांच सालों में जून से सितंबर तक ऐसी बारिश नहीं हुई थी।

    यही कारण है कि अत्यधिक जलभराव के कारण कपास की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई। अब जो फसल उगी है, उसे कीटों से नुकसान हो रहा है। कीटों के हमले से फसल सफेद हो रही है। यही कारण है कि किसान गिरदावरी करवाकर कपास की फसल के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

    मैंने 10 एकड़ में कपास की फसल लगाई थी। अच्छी पैदावार की उम्मीद थी, लेकिन ज़्यादा बारिश के कारण कई पेड़ जलभराव में नष्ट हो गए। इस बार मुझे कपास से होने वाली लागत भी नहीं मिली। सरकार को इस मामले में किसानों की मदद करनी चाहिए।

    -राम सिंह, झाड़सेंतली

    लगातार बारिश के कारण जलभराव के कारण कपास के पेड़ काफी सूख गए। कीटों के हमले के कारण टेंट काटने पड़े। कपास भी पूरी तरह से नहीं खिल पाया। अभी कीटों का हमला है। सरकार विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवज़ा दे।

    -रणबीर सिंह, सागरपुर

    अब, बची हुई कपास को कीटों से बचाने के लिए कपास में एकीकृत कीट प्रबंधन और सूक्ष्म पोषक तत्वों का छिड़काव किया जाना चाहिए। सरकार ने इस पर सब्सिडी देने को कहा है। कपास में कीटों का प्रकोप बहुत ज़्यादा होता है।

    इससे पैदावार बहुत कम हो जाती है। सरकार सूक्ष्म पोषक तत्वों के छिड़काव पर एकीकृत कीट प्रबंधन सब्सिडी दे रही है। सब्सिडी लेने वाले किसानों को अपनी फसल का पंजीकरण मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर कराना होगा।

    पोर्टल पर फसल का पंजीकरण कराने के बाद, किसान को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के पोर्टल पर जानकारी देनी होगी। सूक्ष्म पोषक तत्वों और एकीकृत कीट प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए सरकार 2000 रुपये प्रति एकड़ की दर से 50 प्रतिशत सब्सिडी दे रही है।

    एक किसान दो एकड़ तक सब्सिडी ले सकता है। यह राशि सीधे किसान के बैंक खाते में जमा होगी। सब्सिडी के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 30 सितंबर है।

    -डॉ. आनंद कुमार, क्षेत्रीय कृषि विकास अधिकारी, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, फरीदाबाद