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    Faridabad: फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाले नाइजीरियाई नागरिकों तक जल्द पहुंचेगी क्राइम ब्रांच, मंत्रालय करेगा मदद

    By Harender NagarEdited By: Abhi Malviya
    Updated: Fri, 10 Mar 2023 07:20 PM (IST)

    फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवाने वाले 38 नाइजीरियाई नागरिकों की गिरेबान तक इस बार क्राइम ब्रांच के हाथ पहुंच जाएंगे। इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एक शर्त पर फर्जी आधार कार्ड बनवाने वालों का पूरा डाटा देने को तैयार है।

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    फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवाने वाले 38 नाइजीरियाई नागरिकों तक इस बार क्राइम ब्रांच के हाथ पहुंच जाएंगे।

    फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनवाने वाले 38 नाइजीरियाई नागरिकों की गिरेबान तक इस बार क्राइम ब्रांच के हाथ पहुंच जाएंगे। इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एक शर्त पर फर्जी आधार कार्ड बनवाने वालों का पूरा डाटा देने को तैयार है। शर्त यह है कि क्राइम ब्रांच को डाटा लेने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश की संस्तुति करानी होगी। क्राइम ब्रांच ने संस्तुति के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश अदालत में आवेदन कर दिया है। क्राइम ब्रांच को उम्मीद है न्यायाधीश इसकी संस्तुति कर देंगे।

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    पहले अटक गई थी जांच

    पिछले साल क्राइम ब्रांच सेक्टर-85 ने फर्जी मुहर का इस्तेमाल कर आधार कार्ड बनवाने वाले दो नाइजीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार किया था। आधार कार्ड फर्जी साबित करने के लिए (यूनिक आइडेंटिफिकेशन आफ इंडिया) यूआइडीएआइ से डिटेल मिलनी जरूरी थी। क्राइम ब्रांच ने इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखकर गलत तरीके से बने आधार कार्ड की जानकारी देने को कहा था, मगर नियमों का हवाला देकर यूआइडीएआइ ने आधार कार्डों की जानकारी नहीं दी।

    इस कारण यह जांच आगे नहीं बढ़ पाई थी। आधार कार्डों का डाटा उपलब्ध न होने के कारण नाइजीरियाई नागरिकों के खिलाफ मुकदमा अदालत में भी दम तोड़ गया था। इस बार जिला एवं सत्र न्यायाधीश की तरफ से संस्तुति मिलने के बाद उम्मीद है कि आधार कार्ड का डाटा मिल जाएगा। डाटा मिलने के बाद क्राइम ब्रांच न केवल नाइजीरियाई नागरिकों को गिरफ्तार कर सकेगी, बल्कि यूआइडीएआइ का डाटा अदालत में उनके खिलाफ पुख्ता सबूत भी होगा।

    इस तरह सामने आया था मामला

    इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आडिट में 38 नाइजीरियाई नागरिकों के फर्जी आधार कार्ड बनाया जाना पकड़ा था। उन्हें संदिग्ध मानते हुए विधायक नीरज शर्मा से उनकी मुहर का इस्तेमाल करने की बाबत पूछा था। विधायक नीरज शर्मा ने मंत्रालय से साफ कहा कि उन्होंने इन लोगों के सत्यापन के लिए अपनी मुहर का इस्तेमाल नहीं किया। तब मंत्रालय ने इन नागरिकों की जानकारी पुलिस आयुक्त को सौंपी। इसके बाद बीपीटीपी थाने में इस संबंध में मुकदमा दर्ज हुआ।

    मंत्रालय ने 38 नाइजीरियाई नागरिकों के नाम और पते की सूची सौंपी थी। सभी पते फर्जी पाए गए हैं। इसके अलावा आरोपितों के विषय में कोई जानकारी क्राइम ब्रांच के पास नहीं है। इस मामले में जांच आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि आधार कार्ड के लिए दिए गए उनके फोटो क्राइम ब्रांच के पास हों। इसलिए इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखकर क्राइम ब्रांच ने नाइजीरियाई नागरिकों के फोटो उपलब्ध कराने का निवेदन किया था।