Faridabad News: पेश नहीं हुए एचएसवीपी अधिकारी, जब सीलिंग होने लगी तो दौड़े-दौड़े अदालत पहुंचे
फरीदाबाद में जिला न्यायालय की टीम ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के संपदा अधिकारी के पेश न होने पर कार्यालय सील करने की कोशिश की। संपदा अधिकारी की अनुपस्थिति से अफरा-तफरी मच गई। बाद में प्राधिकरण के अधिकारियों ने न्यायालय से आग्रह किया और आश्वासन दिया कि वे समय पर पेश होंगे। प्रशासक अनुपमा अंजलि ने मामले की जानकारी ली और न्यायालय के आदेश का पालन करने के निर्देश दिए।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। सोमवार सुबह जिला न्यायालय से भेजी गई एक टीम हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के संपदा अधिकारी-2 के न्यायालय में पेश न होने पर उनके कार्यालय व उसकी शाखाओं को सील करने पहुंच गई। संपदा अधिकारी विकास ढांडा उस समय कार्यालय में नहीं थे, लेकिन यह देख अन्य अधिकारी चिंतित हो गए।
टीम ने कार्यालय के कर्मचारियों से दरवाजों की चाबियां मांगी। इस बीच, स्थिति जानने के बाद प्राधिकरण के अधिकारियों ने एक टीम न्यायालय में भेजकर आग्रह किया। इसके बाद कार्यालय सील करने गई टीम वापस लौट गई।
अधिकारियों ने न्यायालय को आश्वासन दिया कि वे भविष्य में समय पर न्यायालय में पेश होंगे। न्यायालय की टीम के आने की चर्चा पूरे दिन कार्यालय में चलती रही। उधर, मामला सामने आते ही प्राधिकरण की प्रशासक अनुपमा अंजलि ने संपदा अधिकारी से बात की।
उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि न्यायालय के आदेश का हर हाल में पालन किया जाए।
यह है पूरा मामला?
आदर्श नगर बल्लभगढ़ निवासी गफ्फार खान 12 जून 2014 को बाईपास सेक्टर-62 से गुजर रहे थे। उस समय आंधी आई थी। इससे बिजली का खंभा गिर गया। गफ्फार उसकी चपेट में आ गए। इससे उनकी मौत हो गई। घटना के करीब छह महीने बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इस मामले में बिजली निगम, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, नगर निगम समेत अन्य विभागों को पक्षकार बनाया गया। 2020 में अदालत ने इस मामले में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को दोषी करार देते हुए करीब सात लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया। प्राधिकरण ने इस मामले में अपील की। अब यह अपील लंबित है।
इस दौरान कई तारीखें तय की गईं, फिर जिला अदालत द्वारा दी गई तारीख पर प्राधिकरण के अधिकारी पेश नहीं हुए। इस मामले में अदालत ने नाराजगी जताई और संपदा अधिकारी के कार्यालय को सील करने के लिए टीम भेजी।
प्राधिकरण प्रशासक अनुपमा अंजलि ने बताया कि मामले की पूरी जानकारी ले ली गई है। टीम आई तो थी, लेकिन सीलिंग नहीं हुई। हमारे अधिकारी तुरंत अदालत में उपस्थित हुए और अपना पक्ष रखा। इसके बाद टीम वहाँ से चली गई।
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