Bulldozer Action: फरीदाबाद के इस इलाके में चला बुलडोजर, मस्जिद समेत कई मकान जमींदोज
फरीदाबाद में नगर निगम ने जमाई कॉलोनी में बुलडोजर चलाकर मस्जिद समेत 50 अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई इस कार्रवाई में वन विभाग की जमीन पर बने निर्माणों को तोड़ा गया। निगम का कहना है कि अरावली में अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश हैं। सुप्रीम कोर्ट ने वन क्षेत्र में बने निर्माणों को तोड़ने के आदेश जारी किए हैं।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। नगर निगम ने मंगलवार को वन विभाग की जमीन पर बसी जमाई कॉलोनी में मस्जिद समेत 50 अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की गई। वन विभाग को अरावली वन क्षेत्र में बसी कॉलोनियों पर की गई कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करनी है।
मालिकाना हक नगर निगम का
इस मामले में नगर निगम को भी पक्षकार बनाया गया है। क्योंकि मालिकाना हक नगर निगम का है। इससे पहले नगर निगम ने वन विभाग की जमीन पर बसी खोरी कॉलोनी को भी ध्वस्त कर दिया था। निगम का कहना है कि अरावली में हो रहे हर निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश हैं।
सुबह भारी पुलिस बल जमाई कॉलोनी में तोड़फोड़ रोकने के लिए पहुंच गया। निगम ने कॉलोनी में आने-जाने वाले रास्तों को बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया। सबसे पहले कॉलोनी में बनी मस्जिद को गिराया गया। इसके बाद 50 मकानों को तोड़ा गया।
पिछले साल भी की गई थी तोड़फोड़
निगम एसडीओ सुरेंद्र हुड्डा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने वन क्षेत्र में बने निर्माणों को तोड़ने के आदेश जारी किए हैं। पिछले साल भी जून माह में जमाई कॉलोनी में तोड़फोड़ की गई थी। उस समय कुछ लोगों को समय देकर उनके निर्माण छोड़ दिए गए थे। उनका कहना था कि वे खुद ही अपने निर्माण तोड़ लेंगे। इसके बाद लगातार चुनाव होने के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी।
अब एक साल के अंदर ही ध्वस्त की गई इमारतों को फिर से बना दिया गया है। वहीं लोगों का आरोप है कि मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इसके बावजूद निगम ने इमारतों को गिरा दिया, हालांकि निगम अधिकारियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर ही तोड़फोड़ की गई है।
वन क्षेत्र में स्थित जमाई कॉलोनी में 50 अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई की गई है। पिछले साल भी कॉलोनी ध्वस्त की गई थी। अब लकड़पुर क्षेत्र में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
-हितेंद्र शर्मा, संयुक्त आयुक्त नगर निगम
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