पिता पर सवार हो चुका था हवस का भूत, बेटी की लव मैरिज के बाद भी नहीं छोड़ी करतूत, फिर हुआ ये अंजाम!
हरियाणा के फरीदाबाद से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक पिता ने अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद अपनी ही नाबालिग बेटी को बार-बार हवस का शिकार बनाया। शादी के बाद भी वह अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म करता रहा। आखिरकार पीड़िता ने एक एनजीओ को शिकायत दी और अब दोषी पिता को 10 साल की सजा सुनाई गई है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। कहते हैं कि इंसान जब हवस का गुलाम हो जाता है तो सगे रिश्ते भी बेमानी हो जाते हैं। ऐसा ही मामला देश की राजधानी से सटे हरियाणा के शहर फरीदाबाद से सामने आया है।
यहां एक शख्स ने हवस में अंधा होकर बाप-बेटी के रिश्ते की सभी मर्यादाएं तोड़ डालीं और पत्नी की मौत के बाद अपनी बेटी की आबरू लूट ली।
क्या है पूरा मामला
पीड़िता ने पहली बार तीन साल पहले महिला थाने में केस दर्ज कराया था। उस दौरान पीड़िता ने अपने पिता पर संगीन आरोप लगाए।
उसने बताया कि जब वह 14 साल की थी तब उसकी मां की मृत्यु हो गई। मां के गुजर जाने के बाद पिता उस पर गंदी नजर रखने लगा।
फिर आए दिन वह उसके साथ दुष्कर्म करता और साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी देता। इसी डर से पीड़िता ने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया।
शादी के बाद भी बाप बेटी को बनाता रहा शिकार
इन यातनाओं से गुजरते हुए पीड़िता ने साल 2017 में एक युवक के साथ लव मैरिज कर ली। अगले साल यानी साल 2018 में वह अपने पति के साथ अपने पिता के घर में ही रहने लगी।
लेकिन इस दौरान उसका पिता अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। उसने शादीशुदा बेटी को भी नहीं बख्शा और उसके साथ फिर से संबंध बनाए। जब पिता के रवैये से वह आजिज आ गई तो परेशान होकर उसने जून में एक एनजीओ को शिकायत दी।
अब मिली सजा
बेटी से दुष्कर्म करने वाले दोषी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमराज मित्तल की अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है। उस पर 60 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है।
12 जून 2021 को महिला थाने में दर्ज कराए गए मामले में पीड़िता ने बताया कि जब वह 14 साल की थी तो उसकी मां की मौत हो गई थी। इस दौरान उसके पिता ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए।
13 लोगों की गवाही और 32 तारीखें पड़ीं
पिता उसे जान से मार देने की धमकी देते थे, इसलिए वह चुप रह गई। पिता बार-बार उसके साथ संबंध बनाता रहा।
एनजीओ के माध्यम से शिकायत पुलिस के पास पहुंची। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। तब से यह मामला अदालत में विचाराधीन था। अब अदालत ने दोषी को सजा सुनाई। इस मामले में 13 लोगों की गवाही हुई थी और 32 तारीख पड़ी।
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