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    बेटे को तो मिल गई 'नई जिंदगी', पर मां-बाप और बहन की नहीं बची जान; पड़ोसी ने बताई दर्दनाक मंजर की आंखों देखी कहानी

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 01:41 PM (IST)

    फरीदाबाद में एक दर्दनाक घटना में ग्रीन फील्ड कॉलोनी में एसी फटने से एक घर में आग लग गई। इस हादसे में दूसरी मंजिल पर सो रहे पति-पत्नी और उनकी बेटी की दम घुटने से मौत हो गई। आग पहली मंजिल पर लगी थी जिससे पूरे घर में धुआं भर गया। पड़ोसी मयंक ने एक किशोर की जान बचाई।

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    फरीदाबाद में एसी में ब्लास्ट होने से तीन लोगों की मौत हो गई। जागरण

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। हरियाणा के फरीदाबाद जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिले की ग्रीन फील्ड कॉलोनी में एक चार मंजिला बिल्डिंग के पहले फ्लोर पर एसी (AC) फट गया, जिससे मकान में आग लग गई और पहली, दूसरी और तीसरी मंजिल पर धुआं ही धुआं हो गया। इस दौरान दूसरी मंजिल पर सो रहे पति-पत्नी और बेटी की दम घुटने से मौत हो गई, जबकि एक किशोर की जान बच गई। आइए आपको बताएंगे कि आखिर किशोर की जान कैसे बची है?

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    बता दें कि ग्रीन फील्ड कॉलोनी में AC में ब्लास्ट होने से मकान में आग लग गई। वहीं, एक ही कमरे में पति और पत्नी और बेटी सोए हुए थे। इन तीनों की धुएं से दम घुटकर मौत हो गई। आग पहली मंजिल पर लगे स्प्लिट एसी में लगी थी, जबकि मृतक दूसरी मंजिल पर अपने कमरे में सोए हुए थे।

    वहीं, घटना की जानकारी लगने पर फायर ब्रिगेड की टीम आनन-फानन में मौके पर पहुंची। फायर ब्रिगेड की टीम ने सभी को बाहर निकाला और इलाज के लिए सेक्टर-21सी स्थित एशियन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने तीन को मृत घोषित कर दिया। हालांकि, एक किशोर जख्मी है और उसका उपचार किया जा रहा है।

    पड़ोस के रहने वाले मयंक ने दरवाजा तोड़कर बचाई जान

    आग के दौरान जब सचिन कपूर का परिवार धुएं में फंस गया तो पड़ोस में रहने वाले मयंक ने सीड़ी का दरवाजा तोड़कर आर्यन की जान बचाई। पड़ोस में रहने वाले मयंक ने जब आग लगी देखी तो उसने पहले बाल्टी से पानी डालकर आग बुझने का प्रयास किया। इसके बाद छत के रास्ते सचिन की बिल्डिंग पर पहुंचा फिर सीढ़ी का दरवाजा तोड़कर आर्यन को निकाला। लेकिन वह सचिन उनकी बेटी और पत्नी को नहीं बचा पाया।

    फर्स्ट फ्लोर की मालिक ने उठाया ये सवाल

    फर्स्ट फ्लोर की ओनर रितु मलिक ने यह भी सवाल खड़ा किया है कि जब फायर ब्रिगेड को सूचना दे दी गई थी, उसके बाद भी करीब 45 से 50 मिनट बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची। इस दौरान तक आग पूरे कमरे में फैल चुकी थी और सारा सामान जल चुका था और उन्हें धुंआ की वजह से सेकंड फ्लोर पर रहने वाले परिवार की भी दम घुटने से मौत हुई है। उन्होंने कहा कि अगर फायर ब्रिगेड 10 मिनट में भी आ जाती तो शायद उन तीन लोगों की भी जान बचाई जा सकती थी

    बिल्डिंग के मालिक है राकेश यादव

    रितु मलिक ने कहा कि यह बिल्डिंग राकेश यादव की है जो 4 फ्लोर की है। पहली मंजिल पर हम सभी रहते हैं, दूसरी मंजिल पर सचिन कपूर और थर्ड फ्लोर भी उन्होंने ही अपने काम के लिए ऑफिस बनाया हुआ था। चौथी मंजिल पर रजत गोयल अपने परिवार के साथ रहते हैं। रितु मलिक ने आरोप लगाया कि राकेश यादव जो बिल्डिंग के मालिक हैं, उनको कई बार बिल्डिंग में वायरिंग खराब होने की जानकारी दी थी लेकिन, वह इस पर ध्यान नहीं दे रहे थे। अगले कुछ दिनों में खुद ही सभी लोग पूरी बिल्डिंग की वायरिंग को चेंज करवाने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही यह हादसा हो गया। 

    रात में 3:15 बजे खुली थी आंख

    रितु मलिक ने कहा कि 3:15 बजे उनकी आंख खुली तो देखा कि एसी के अंदर आग लगी हुई थी और अपनी बेटी जानवी के साथ सो रही थी और उनका बेटा और पति दूसरे कमरे में सो रहे थे। आग को देख सभी को लेकर तुरंत बाहर निकल गए थे और बाहर आने के बाद आग लगने की सूचना चौथी मंजिल पर रह रहे रजत गोयल को दी। वह भी अपने परिवार के साथ नीचे बाहर आ गए थे लेकिन, सचिन कपूर और परिवार बाहर नहीं आए। उन्हें भी आवाज लगाई थी लेकिन, वह बाहर आने की वजह चौथी मंजिल की छत की तरफ भागने लगे और वापस आते समय दोबारा अपने कमरे में चले गए जहां बेहोश हो गए थे।

    इसके बाद यह हादसा हो गया। रितु मलिक ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपने घर के एसी को रिपेयर करवाया था लेकिन, उसके बाद भी एक में आग लग गई।

    घटना से पूरे इलाके में फैली दहशत

    इस दर्दनाक घटना से पूरे इलाके में दहशत फैली हुई है। वहीं, मौके पर जाकर जिसने भी इस खौफनाक मंजर को देखा उसकी रूह कांप गई। उधर, अभी दमकल विभाग की टीम मामले की जांच कर रही है।

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