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    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे किनारे इस दिन गरजेगा बुलडोजर, शोरूम, मकान-दुकान समेत 145 निर्माण होंगे ध्वस्त

    Updated: Sat, 05 Jul 2025 12:56 PM (IST)

    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के किनारे फरीदाबाद में बीपीटीपी पुल से सेक्टर-आठ सर्वोदय चौराहे तक नहर किनारे बने 145 अवैध निर्माण तोड़े जाएंगे। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और सिंचाई विभाग संयुक्त रूप से 8 से 18 जुलाई तक कार्रवाई करेंगे। उच्च अधिकारियों से स्वीकृति मिल चुकी है ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त हैं और पुलिसबल रिजर्व है। लोगों को 8 जुलाई तक सामान निकालने का समय दिया गया है।

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    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पास 145 अवैध निर्माणों पर चलेगा बुलडोजर। फोटो जागरण

    प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद।Delhi-Mumbai Expressway illegal construction: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे किनारे बीपीटीपी पुल से लेकर सेक्टर-आठ सर्वोदय चौराहे तक आगरा-गुरुग्राम नहर किनारे बने हुए शोरूम, मकान-दुकान सहित अन्य सभी 145 अवैध निर्माणों को तोड़ा जाएगा। यह कार्रवाई हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और सिंचाई विभाग संयुक्त रूप से करेगा।

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    प्राधिकरण ने कार्रवाई के लिए आठ से 18 जुलाई तय की है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों की स्वीकृति ली जा चुकी है। तीन ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिए गए हैं। पुलिसबल रिजर्व हो चुका है। अब मुनादी कराई जा रही है।

    लोगों को अपने मकान, दुकान व शोरूम से सामान बाहर निकालने के लिए आठ जुलाई तक का समय दिया गया है। इसके बाद विभागीय कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

    यदि अधिकारियों पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं आया तो कार्रवाई हो जाएगी, वरना पहले की तरह टल सकती है। इससे पहले ऐसा हो चुका है। एक्सप्रेसवे निर्माण के दौरान बचाव हो गया था।

    यह रकबा बड़ौली गांव का है। ग्रामीणों की यहीं अपनी जमीन है लेकिन उन्होंने नहर व एक्सप्रेसवे की ओर काफी निर्माण किए हुए हैं। यह निर्माण बीपीटीपी चौक से शुरू होकर सेक्टर-आठ सर्वोदय चौराहे तक हैं। इन निर्माणों में बहुमंजिला शोरूम से लेकर अन्य दुकान व मकान शामिल हैं।

    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के निर्माण के दौरान रूट अलाइमेंट में यही निर्माण रोड़ा बन गए थे। उस समय प्राधिकरण के प्रशासक प्रदीप दहिया थे। उन्होंने सभी निर्माणों को तोड़ने की पूरी तैयारी कर ली थी। बड़ी पौकलैंड मशीन भी मंगा ली थी।

    इस दौरान प्राधिकरण के प्रशासक पर राजनीतिक दबाव आया। यह कार्रवाई न करने के लिए कहा गया। लेकिन प्रशासक ने राजनीतिक दबाव मानने से इंकार कर दिया। तभी रातों रात उनका तबादला करा दिया गया। इसके बाद यह कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई। दरअसल बड़ौली गांव के लोग इस मामले को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के पास चले गए थे।

    अवैध निर्माण बचाने के लिए बनवा दिया एलिवेटेड पुल

    अवैध निर्माण न टूटे, इसलिए एक्सप्रेसवे की अलाइमेंट में बदलाव कर दिया गया। सेक्टर-17 के पुल से लेकर सर्वोदय चौक तक एलिवेटेड पुल बना दिया गया ताकि अवैध निर्माण न टूटें। इसके लिए सेक्टरों की ओर की ग्रीनबेल्ट उजाड़ दी गई।

    हजारों पेड़ों की बलि दे दी गई। एनआइटी के पूर्व विधायक नीरज शर्मा ने यह मामला विधानसभा में खूब उठाया लेकिन वोट की राजनीति के चलते कुछ नहीं हो सका। आज भी अवैध रूप से बने हुए शोरूम, दुकानों में लाखों का किराया आ रहा है।

    एक्सप्रेसवे किनारे अवैध निर्माणों को चिन्हित कर लिया गया है। इनकी संख्या करीब 145 है। इन सभी को तोड़ा जाएगा। मुनादी कराकर चेतावनी दी जा रही है कि सभी निर्माणकर्ता अपना सामान निकालकर ले जाएं। जल्द तोड़फोड़ होने वाली है।

    राजपाल, सर्वे एसडीओ, प्राधिकरण

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