हर दिन 10 लाख टोल वसूली, फरीदाबाद में दिल्ली-मथुरा हाईवे बदहाल, यात्री परेशान
दिल्ली-मथुरा हाईवे पर सराय टोल से रोजाना लाखों का टैक्स वसूला जाता है फिर भी वाहन चालकों को टूटी सड़कें जलभराव और अंधेरे का सामना करना पड़ता है। बल्लभगढ़ में सर्विस रोड की हालत खस्ता है वहीं मुजेसर मोड़ पर सीवर का पानी जमा रहता है। अजहरौंडा मेट्रो स्टेशन के पास भी सीवर ओवरफ्लो की समस्या है।

प्रवीण कौशिक, फरीदाबाद। दिल्ली-मथुरा हाईवे पर देश-विदेश के लोग हर रोज सफर करते हैं। देश की राजधानी के पास सराय टोल से हर रोज 50 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं और करीब 10 लाख का टोल टैक्स देते हैं। लेकिन जब सुरक्षित सफर की बात आती है तो वाहन चालक खाली हाथ नजर आते हैं।
कई जगह तो ऐसा लगता है जैसे यह हाईवे है ही नहीं। टूटी ग्रिल, अंधेरा, जलभराव, टूटी सड़कें देखकर ऐसा लगता है जैसे इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। एनएचएआई ने पूरा हाईवे क्यूब हाईवे कंस्ट्रक्शन कंपनी को सौंप दिया है। यानी यह कंपनी सराय में टोल वसूलेगी और हाईवे का रखरखाव भी करेगी।
अधिकारी यह नहीं देखते कि कंपनी ठीक से काम कर रही है या नहीं। कई जगह तो ऐसी हैं जहां बिना बारिश के भी सीवर का पानी जमा रहता है। वाहन चालकों को सीवर के पानी से होकर गुजरना पड़ता है। टोल टैक्स देने वाले वाहन चालक एनएचएआई अधिकारियों को कोसते हुए गुजर रहे हैं।
कई जगह तो टूटी सड़कों के कारण खतरा भी बना हुआ है। याद रहे कि सराय बॉर्डर के साथ ही पलवल जाने से पहले वाहन चालकों को गदपुरी में भी टोल टैक्स देना पड़ता है। इस तरह, ज़िले के दोनों ओर टोल देना पड़ता है।
बल्लभगढ़ में बदहाल स्थिति
ऐतिहासिक शहर बल्लभगढ़ में हाईवे की हालत बेहद खराब है। पलवल की ओर जाने के लिए यहाँ एक फ्लाईओवर तो बना है, लेकिन शहरवासियों को नीचे कुछ नहीं मिला। उन्हें टूटी सर्विस रोड और जलभराव से जूझना पड़ता है।
बारिश के बाद तो पूरी सर्विस रोड ही जलमग्न हो जाती है। सर्विस रोड को देखकर लगता ही नहीं कि यह हाईवे का हिस्सा है। इधर, सोहना मोड़ पर भी हालत बद से बदतर है। भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क पूरी तरह टूट चुकी है। बारिश का पानी जमा होने से गड्ढे बन गए हैं, जिससे ट्रैफिक जाम हो जाता है।
गुरुग्राम नहर के पास
बल्लभगढ़ से फरीदाबाद जाते समय गुरुग्राम नहर के पास सड़क की हालत भी बेहद खराब है। बारिश के बाद यहाँ कई गड्ढे बन गए हैं, जिससे वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। यह स्थिति कई महीनों से बनी हुई है। यहाँ गड्ढों को नहीं भरा गया है। जिससे वाहन चालकों को हमेशा खतरा बना रहता है।
हाईवे की सर्विस रोड भी मुजेसर मोड़ से जुड़ी हुई है। यहाँ बरसात के दिनों में ही नहीं, बल्कि आम दिनों में भी सीवर का पानी जमा रहता है। लगातार पानी जमा होने से सड़क की हालत खराब हो गई है। वाहन चालकों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है।
बारिश में तो दो फीट पानी जमा हो जाता है। कई बार तो यहाँ आधा किलोमीटर तक सड़क जलमग्न हो जाती है। आस-पास की दुकानें करने वाले दुकानदार बदबू से परेशान हैं। छींटे पड़ने से दोपहिया वाहन चालकों के कपड़े खराब हो रहे हैं। हाईवे के किनारे बसी कॉलोनी में सीवर जाम होने के कारण यह स्थिति बन रही है।
अजहरौंडा मेट्रो स्टेशन के नीचे ओवरफ्लो
अजहरौंडा मेट्रो स्टेशन के नीचे और आसपास अक्सर सीवर का पानी ओवरफ्लो हो जाता है। यहाँ अजहरौंडा गाँव की ओर सीवर लाइन जाम है। इसलिए सीवर का पानी वापस हाईवे पर जमा हो जाता है। नगर निगम यहाँ सीवर लाइन की कई बार सफाई करवा चुका है, लेकिन समाधान नहीं निकला है।
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में उठा मुद्दा
सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हर महीने होती है। इसकी अध्यक्षता जिला उपायुक्त करते हैं। बैठक में एनएचएआई, नगर निगम, एचएसवीपी, एफएमडीए, लोक निर्माण विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहते हैं। हर बार हाईवे पर जलभराव, सीवर ओवरफ्लो और अन्य मुद्दे उठाए जाते हैं। एनएचएआई के अधिकारी सुनते तो हैं, लेकिन समाधान नहीं निकलता। यहाँ तक कि केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और जिला विकास एवं निगरानी समिति की बैठक में भी कई बार एनएचएआई के अधिकारियों से इस मुद्दे पर सवाल-जवाब हो चुके हैं।
जलभराव के 10 प्रमुख स्थान
- सीकरी
- झाड़सेंतली
- जेसीबी चौक
- बल्लभगढ़
- सोहना मोड़
- गुडइयर
- वाईएमसीए
- मुजेसर मोड़
- बाटा
- अजरौंदा
यहां हैं फुट ओवरब्रिज
सेक्टर-28, ओल्ड फरीदाबाद, मैगपाई के सामने, सेक्टर-20, बल्लभगढ़ में हनुमान मंदिर के पास, जेसीबी चौक, सीकरी में हाईवे पर फुट ओवरब्रिज हैं।
टूटी ग्रिल के कारण बढ़ रहे हादसे
कई जगहों पर हाईवे पर लगी लोहे की ग्रिल कट गई है। लोगों ने यहाँ से आने-जाने के लिए अवैध कट बना लिए हैं। एनएचएआई ने प्रमुख स्थानों पर फुट ओवरब्रिज बनाए हैं ताकि लोग हाईवे पार करने के लिए इनका इस्तेमाल कर सकें। लेकिन इसके बावजूद लोग बाज नहीं आ रहे हैं और अवैध कटों से होकर गुजर रहे हैं। लोग पाँच से सात फीट ऊंची रेलिंग भी कूदकर हाईवे पार कर रहे हैं।
अजरौंदा मेट्रो स्टेशन के नीचे सीवर जाम होने की शिकायत हम कई बार कर चुके हैं, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं हो रहा है। बारिश के बाद यहाँ का पानी गाँव और कॉलोनी में घुस जाता है। - अजय सैनी, सरपंच कॉलोनी, सेक्टर-20बी
हमारा गांव सेक्टर के बीचों-बीच है। लेकिन सीवर ओवरफ्लो होने से काफी परेशानी होती है। इसका पानी हाईवे पर जमा रहता है।
- वीरेंद्र गौड़, अजरौंदा
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