Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुरुग्राम और फरीदाबाद में लगेंगे खास प्लांट, कचरे से आएगी आपके घर में बिजली; हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला

    Updated: Sat, 20 Jul 2024 03:35 PM (IST)

    सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा आज हरियाणा के लिए बहुत खुशी की बात है कि गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगम और एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड के बीच एक समझौता हुआ है। इसके जरिए कूड़े से हरित चारकोल बनाने के प्लांट लगाए जाएंगे। ये प्लांट गुरुग्राम और फरीदाबाद में लगाए जाएंगे। 1500-1500 टन क्षमता के ग्रीन चारकोल प्लांट लगाए जाएंगे।

    Hero Image
    गुरुग्राम और फरीदाबाद में एनटीपीसी की मदद से होगा ग्रीन चारकोल के संयंत्र का निर्माण।

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड के साथ एक करार हुआ है। गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगम के साथ हुए इस समझौते में कचरे से ग्रीन चारकोल बनाने वाले संयंत्र की स्थापना की जाएगी। विधानसभा चुनाव से पहले इसे सीएम सैनी द्वारा फरीदाबाद और गुरुग्राम को तोहफा भी माना जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस दौरान सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा आज हरियाणा के लिए बहुत खुशी की बात है कि गुरुग्राम और फरीदाबाद नगर निगम और एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड के बीच एक समझौता हुआ है। इसके जरिए कूड़े से हरित चारकोल बनाने के प्लांट लगाए जाएंगे। ये प्लांट गुरुग्राम और फरीदाबाद में लगाए जाएंगे। 1500-1500 टन क्षमता के ग्रीन चारकोल प्लांट लगाए जाएंगे। इन प्लांट पर करीब 500-500 करोड़ रुपये की लागत आएगी।"

    दोनों संयंत्रों का निर्माण 30 महीनों में होगा पूरा

    नायब सिंह सैनी ने बताया कि ये संयंत्र गुरुग्राम के बंदवाड़ी और फरीदाबाद के मोठुका में लगाया जाएगा। इसके लिए दोनों नगर निगमों द्वारा 20-20 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जा रही है। इसका निर्माण कार्य लगभग 30 महीने में पूरा हो जाएगा। इससे फरीदाबाद और गुरुग्राम में कचरे का पहाड़ नहीं दिखेगा। लोगों को स्वच्छ हवा नसीब हो पाएगी। यह पीएम मोदी की दूरदर्शिता का ही नतीजा है।

    इसका इस्तेमाल बिजली उत्पादन में किया जाएगा

    उन्होंने बताया कि कचरे की छंटाई करके उसे इन संयंत्रों में भेजा जाएगा, ताकि ग्रीन चारकोल बनाया जा सके। ग्रीन चारकोल का इस्तेमाल खनिज कोयले के साथ ईंधन के रूप में किया जाएगा। इससे खनिज कोयले की खपत कम होगी। यह ग्रीन हाऊस गैस को भी कम करेगा। इसका बिजली उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। 

    यह भी पढ़ें- सावधान! कॉलेजों में बंक मारने वालों के लिए बुरी खबर, हो रही ये योजना लागू; अब अगर किया ये काम तो फिर पड़ेगा महंगा