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    Delhi Metro में नौकरी दिलाने के नाम पर तीन लाख रुपये की ठगी, पुलिस ने शुरू की जांच

    ठगी करने वाले बदमाश हर रोज ठगी करने का नया-नया तरीका ढूंढ लेते हैं। ऐसे ही एक खबर फरीदाबाद शहर से आई है। यहां पर मेट्रो में नौकरी लगवाने के नाम पर दो युवाओं से आरोपितों ने तीन लाख रुपये ठगे। मामला साल 2023 का है जब राजेश कुमार नाम के युवक ने दिल्ली मेट्रो में नौकरी लगवाने की बात कही थी। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है।

    By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 20 Jul 2024 01:20 PM (IST)
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    दिल्ली मेट्रो में नौकरी लगवाने के नाम पर दो युवाओं से आरोपितों ने ठगे तीन लाख। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। मेट्रो में नौकरी लगवाने के नाम पर दो युवाओं से आरोपितों ने तीन लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सेक्टर-29 में रहने वाली आराधना ने सेक्टर-31 थाने में दी शिकायत में बताया कि पिछले साल उनके जानने वाले एक इलेक्ट्रिशियन ने राजेश कुमार नाम के व्यक्ति के बारे में बताया।

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    राजेश कुमार ने नौकरी दिलाने के लिए एक वाट्सऐप ग्रुप बनाया हुआ था। वह भी इस ग्रुप से जुड़ गई। दिसंबर 2023 में राजेश कुमार ने ग्रुप पर दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro News) में नौकरी लगवाने की जानकारी दी। भतीजे दिव्यांश पाठक की नौकरी लगवाने के लिए राजेश कुमार से बात की।

    प्लेसमेंट और सिक्योरिटी के नाम पर 1.50 लाख रुपये मांगे

    उसने प्लेसमेंट और सिक्योरिटी के नाम पर 1.50 लाख रुपये देने की बात कही। राजेश कुमार ने उनके भतीजे को लाइन सुपरवाइजर की नौकरी दिलाने के लिए संदीप चौहान नाम के व्यक्ति से मिलवाया। उनका एक और जानकार विकास कुमार भी नौकरी करना चाहता था।

    दोनों को नौकरी लगाने के नाम पर तीन लाख रुपये आरोपितों को दिए

    इसके बारे में भी राजेश से बात की। उसने इसके लिए भी डेढ़ लाख रुपये मांगे। उन्होंने दोनों की नौकरी लगाने के लिए कुल तीन लाख रुपये आरोपितों को दे दिए। इसके बाद दोनों की पुलिस (Delhi Police) वेरिफिकेशन कराई गई। दिव्यांग का चरित्र प्रमाण पत्र बन गया, लेकिन विकास का नहीं बन सका।

    इसलिए विकास की नौकरी लगवाने के लिए आरोपितों ने मना कर दिया, लेकिन इसकी एवज में लिए हुए पैसे नहीं लौटाए। उधर दिव्यांश को पंजाबी बाग मेट्रो स्टेशन में तीन दिन की झूठ-मूठ की ट्रेनिंग दिलाई गई। इसके बाद आरोपित नौकरी लगाने के नाम पर टाल-मटोल करते रहे। पैसे वापस मांगने पर अब धमकी देते हैं।

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