Bulldozer Action: फरीदाबाद में जमकर गरजा बुलडोजर, मिट्टी में मिल गई अवैध कॉलोनियां
फरीदाबाद में अवैध कालोनियों पर कार्रवाई के बाद कालोनाइजर सीएलयू लाइसेंस लेने के लिए जिला नगर योजनाकार विभाग पहुंच रहे हैं। लोग अब सीएलयू लेकर कानूनी रूप से कॉलोनी बसाने के लिए जागरूक हो रहे हैं। इससे सरकार को राजस्व मिलेगा और अनियोजित कॉलोनियां नहीं बनेंगी क्योंकि अवैध कॉलोनी में तोड़फोड़ का असर दिखने लगा है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। शहर से लेकर गांव और यमुना नदी पार की गई अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई का असर दिखाई देने लगा है। जिला नगर योजनाकार विभाग के पास जमीन का सीएलयू और कॉलोनी काटने का लाइसेंस के बारे में जानकारी लेने के लिए कालोनाइजर कार्यालय आ रहे हैं।
लोग अब सीएलयू लेकर अपनी जमीन पर कालोनी बसाने की ओर जागरूक हो रहे हैं। इससे न केवल अनियोजित कालोनियां नहीं विकसित होंगी बल्कि सरकार के खजाने में पैसा आएगा।
बता दें जिला नगर योजनाकार एन्फोर्समेंट की कार्रवाई के बाद जिन क्षेत्रों में पहले अनाधिकृत रूप से औद्योगिक व रिहायशी कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं, वहीं कालोनाइजर सीएलयू और लाइसेंस की प्रक्रिया के बारे में जानने के इच्छुक होने के साथ आवेदन भी कर रहे हैं।
तीन अवैध कॉलोनियों में की तोड़फोड़
एन्फोर्समेंट की टीम द्वारा बृहस्पतिवार को सरूरपुर और गौंछी में अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की गई। यहां चार औद्योगिक निर्माण, दो दुकान, 10 चहारदीवारी, 130 डीपीसी और लगभग रोड नेटवर्क को अर्थमूवर की मदद से तोड़ दिया।
यह कार्रवाई डीटीपीई राहुल सिंगला की निगरानी में की गई। उनके साथ सहायक नगर याेजनाकार सचिन चौधरी, कनिष्ठ अभियंता सचिन, अमित कुमार, नसीम अहमद, जोगिंदर, सलीम ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
ग्रीवेंस की बैठक में उठा था मुद्दा
सोमवार को अवैध कालोनियों में तोड़फोड़ का मुद्दा ग्रीवेंस कमेटी की बैठक में उठा था। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने भूमाफियाओं पर कार्रवाई की जानकारी ली थी। विधायक सतीश फागना ने अवैध कॉलोनियों पर तेजी से हो रही कार्रवाई के बारे में बताया था।
मंत्री ने डीटीपीई को कार्रवाई तेज करने के लिए कहा था। इसके बाद अब डीटीपीई की ओर से कार्रवाई तेज कर दी गई है। अब पता चला है कि लोगों ने ऐसी कॉलोनियों में प्लाट लेना कम कर दिया है। जिन्होंने ले लिया है, वह अपना पैसा वापस मांग रहे हैं। इसी वजह से कालोनाइजर परेशान होने लगे हैं।
शहर से लेकर गांव में करीब 40 से अधिक बार अवैध कालोनियों में तोड़फोड़ की जा चुकी है। उनकी कार्रवाई से ही भूमाफियाओं और कालोनाइजरों, डीलरों में डर है। आम नागरिकों और खरीदारों में भी जागरूकता बढ़ी है।
लोग अब किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले यह जांच कर रहे हैं कि वह कॉलोनी योजनाकार विभाग द्वारा स्वीकृत है या नहीं। इससे न केवल उनकी मेहनत की कमाई सुरक्षित हो रही है, बल्कि कानूनी प्रक्रिया के तहत संपत्ति खरीदने की आदत भी विकसित हो रही है। इस प्रकार की कार्रवाई न केवल अवैध निर्माण को रोकने का मजबूत संकेत देती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि जिले को सुनियोजित और वैध तरीके से विकसित किया जाएगा।
राहुल सिंगला, डीटीपीई

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