आधार केंद्र पर दलाल राज, लोग परेशान
अगर अंदर से¨टग नहीं है तो दलालों के काम पहले कैसे हो रहे हैं। ढ़ाई घंटे से लाइन में खड़े हैं, पता नहीं कौन-कौन आगे आकर काम करा रहे हैं। काले कोट पहने एक युवक आधार कार्ड बनाने वाले ऑपरेटर के कान में कुछ कहता है, इसके बाद तुरंत काम कराकर लौट जाते हैं। किससे क्या-क्या कहें, कोई सुनने वाला नहीं है। कुछ इस तरह दर्द बयां किया अजरोंदा गांव निवासी सुरेंद्र यादव ने। सोमवार सुबह करीब 12.45 बजे सुरेंद्र की पत्नी नौ बजे से लंबी लाइन में लगी हुई थी। उसने दैनिक जागरण को बताया कि बाहर

प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद : अगर अंदर से¨टग नहीं है तो दलालों के काम पहले कैसे हो रहे हैं। ढाई घंटे से लाइन में खड़े हैं, पता नहीं कौन-कौन आगे आकर काम करा रहे हैं। काला कोट पहने एक युवक आधार कार्ड बनाने वाले ऑपरेटर के कान में कुछ कहता है, इसके बाद तुरंत काम कराकर लौट जाता है। किससे क्या-क्या कहें, कोई सुनने वाला नहीं है। कुछ इस तरह दर्द बयां किया अजरोंदा गांव निवासी सुरेंद्र यादव ने। सोमवार सुबह करीब 12.45 बजे सुरेंद्र की पत्नी नौ बजे से लंबी लाइन में लगी हुई थी। उसने दैनिक जागरण को बताया कि बाहर दलाल पांच रुपये में फार्म दे रहे हैं, इसे भरने के लिए 10 रुपये और बनवाने के नाम पर 150 से 200 रुपये मांग रहे हैं। पता नहीं अधिकारी कहां सो रहे हैं। ²श्य एक
लघु सचिवालय परिसर में एक महिला अपने हाथ में आधार कार्ड के फार्म लेकर हर एक से पूछ रही है, आधार कार्ड बनवाना है तो पांच रुपये में फार्म मिलेगा। यह महिला यहां रोज आकर पांच रुपये में फार्म बेचती है। यदि किसी को फार्म भरवाना है तो 10 रुपये देने पड़ते हैं। थोड़ी दूर चलने पर एक युवक पैसे लेकर फार्म भरता हुआ दिखाई दे रहा है। ²श्य दो
लघु सचिवालय के कमरा नंबर 11 में घुसते ही लंबी लाइन दिखाई दे रही हैं। दुधमुंहे बच्चे को गोदी में उठाए महिलाएं परेशान हैं, बच्चे भूख से व्याकुल बिलख रहे हैं, चारों ओर ऐसा लग रहा है जैसे किसी फार्म को भरने की अंतिम तिथि है। इन्हीं के बीच एक युवक अमित अपने पांच माह के बच्चे को कंधे से लगाकर चुप कराने का प्रयास कर रहा है। उसकी पत्नी हेमलता लाइन में लगी हुई है। पांच माह के बच्चे को लेकर सुबह नौ बजे आ गए थे। बच्चे को मैं संभाल रहा हूं, पत्नी को लाइन में लगा दिया है। जब मैं बाहर था तो एक युवक ने आधार कार्ड बनाने के नाम पर 200 रुपये मांगे थे।
-हेमलता, पल्ला दो घंटे से लाइन में लगे हुए हैं। लाइन आगे ही नहीं बढ़ रही है। थोड़ी देर में लंच हो जाएगा। हमने पांच रुपये में फार्म लेकर 10 रुपये में भरवाया है।
-आदित्य शेखर, संजय कॉलोनी हां, दलाल सक्रिय होने की सूचना मिलती रहती है। परिसर में पता भी नहीं लगता कि कौन किससे क्या बात कर रहा है। ऐसे में दलालों को पकड़ना मुश्किल है। हां अगर हमारे किसी स्टाफ कर्मचारी की किसी प्रकार से मिलीभगत है तो मामले की जांच कराई जाएगी।
-एलएन मित्तल, जिला सूचना अधिकारी।

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