नूंह-बल्लभगढ़ में सब्जियों के भाव बेकाबू, गरीब की थाली से गायब हुई मौसमी सब्जी! देखें ताजा रेट
इस साल सितंबर तक लगातार बारिश होने से सर्दियों की सब्जियां महंगी हो गई हैं। स्थानीय किसानों के पौधे खराब हो गए और दूसरे राज्यों में बाढ़ से फसलें बर्बाद हो गईं। पंजाब और राजस्थान से आने वाली सब्जियां भी प्रभावित हुई हैं। शादियों के सीजन के कारण भी सब्जियों के दाम बढ़ रहे हैं। उम्मीद है कि 6 दिसंबर के बाद कीमतें कम हो जाएंगी।

इस साल सितंबर तक लगातार बारिश होने से सर्दियों की सब्जियां महंगी हो गई हैं। जागरण
सुभाष डागर, बल्लभगढ़। इस साल सितंबर के आखिर तक लगातार मॉनसून की बारिश होने की वजह से सर्दियों की सब्जियां पिछले साल के मुकाबले काफी महंगी हैं। बारिश से लोकल किसानों के पौधे खराब हो गए और दूसरे राज्यों में बाढ़ की वजह से पानी भरने से फसल नहीं हो पाई। इसी वजह से इस सीजन में मौसमी सब्जियां ज्यादा कीमत पर खरीदी जा रही हैं।
लोकल किसान आमतौर पर अगस्त के आखिर और सितंबर की शुरुआत में फूलगोभी, पत्तागोभी, मूली और गाजर लगाना शुरू कर देते हैं।
इस साल सितंबर और अगस्त में लगातार बारिश होने की वजह से किसान समय पर ये सब्जियां नहीं लगा पाए। जिन्होंने सब्जियां लगाई भी थीं, वे पानी भरने से खराब हो गईं। इसी तरह, इस साल पंजाब और राजस्थान में बाढ़ की वजह से खेतों में पानी भर गया। वहां के किसान भी पानी भरने की वजह से समय पर सर्दियों की सब्जियां नहीं लगा पाए।
इन दिनों पंजाब से मटर, पत्तागोभी और आलू आते थे। राजस्थान से टमाटर और मटर, जो इस बार नहीं आ रहे हैं, इसी वजह से सर्दियों की सब्जियों की डिमांड ज्यादा है और प्रोडक्शन कम है।
पिछले साल के मुकाबले, सीजनल हो या ऑफ-सीजन, सभी सब्जियां महंगी हैं। पिछले साल के मुकाबले दाम कम से कम 10 से 15 रुपये प्रति किलो ज़्यादा हैं। दिहाड़ी मज़दूर बहुत कम सब्ज़ियाँ खरीद रहे हैं।
- सुखदेव
हर साल नवंबर में पंजाब से मटर और पत्तागोभी आ जाती थी। इस साल नवंबर में बाढ़ आने की वजह से किसान समय पर सब्जियां नहीं काट पाए। बाज़ार में जो मौसमी सब्ज़ियाँ हैं, वे लोकल किसानों की हैं।
- संदीप
सब्जियां इतनी महंगी हैं कि एक किलो खरीदने के बजाय आधा किलो खरीदकर आलू के साथ पकाते हैं। अब आधा समय दाल पकाने में लगता है। मौसमी सब्जियां 15-20 दिन में सस्ती हो जाएँगी।
- आरती, हाउसवाइफ, बापू नगर
पहले ऐसे खेतों में बथुआ खड़ा होता था, लेकिन अब वह 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। शादियों का सीज़न भी सब्ज़ियों के ज़्यादा दामों की एक वजह है। 6 दिसंबर को शादियाँ खत्म होने के बाद सब्ज़ियाँ भी सस्ती हो जाएँगी। -शांति, हाउसवाइफ, शिव शारदा कॉलोनी
नूंह मंडी सब्जियों के ताजा भाव
| सब्जी का नाम | कीमत |
|---|---|
| फूलगोभी | ₹60 प्रति किलो |
| टमाटर | ₹70 प्रति किलो |
| पत्तागोभी | ₹30 प्रति किलो |
| मटर (दाना) | ₹80 प्रति किलो |
| गाजर | ₹40 प्रति किलो |
| बथुआ | ₹40 प्रति किलो |
| मूली (रडूक) | ₹20 प्रति किलो |
| शिमला मिर्च | ₹80 प्रति किलो |
| बैंगन (बकरी) | ₹40 प्रति किलो |
| आलू | ₹20 प्रति किलो |
| भिंडी | ₹60 प्रति किलो |
| सरसों का साग | ₹10 प्रति बंडल |
| पालक | ₹10 प्रति बंडल |
| धनिया | ₹10 प्रति बंडल |
| करेला | ₹80 प्रति किलो |
सब्जी का नाम, रुपये प्रति किलोग्राम
फूलगोभी-60
टमाटर-70
पत्तागोभी-30
मटर-80
गाजर-40
बथुआ-40
रडुक-20
शिमला मिर्च-80
बकरी-40
आलू-20
भिंडी-60
सरसों-10 रुपये प्रति बंडल
पालक-10 रुपये प्रति बंडल
धनिया-10 रुपये प्रति बंडल
करेला-80

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