हरियाणा में यमुना बाढ़ मुआवजा घोटाला? 6000 एकड़ प्रभावित, सिर्फ 489 एकड़ का मिला मुआवजा
हरियाणा में यमुना बाढ़ से फसल नुकसान के लिए सरकार ने किसानों के खातों में मुआवजा भेजा है, लेकिन छह हजार एकड़ में से केवल 489 एकड़ को ही मुआवजा मिला है ...और पढ़ें

हरियाणा में यमुना बाढ़ से फसल नुकसान के लिए सरकार ने किसानों के खातों में मुआवजा भेजा है। फाइल फोटो
सुभाष डागर, बल्लभगढ़। सरकार ने यमुना बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों के बैंक खातों में सीधे मुआवज़ा ट्रांसफर कर दिया है। हालांकि, जिले में प्रभावित छह हज़ार एकड़ में से सिर्फ़ 489 एकड़ के लिए ही यह मुआवज़ा दिया गया है। इससे किसानों में काफी निराशा है। इसी तरह, 2023 में भी कुछ ही किसानों को मुआवज़ा मिला था। किसान इसके लिए राजस्व विभाग को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अगस्त के आखिर और सितंबर की शुरुआत में यमुना में बाढ़ आई थी। उस समय नदी किनारे के 25 गांवों में 13,000 एकड़ में फसलें बर्बाद हो गई थीं।
किसानों ने अपनी खराब फसलों की तस्वीरें ई-मुआवजा पोर्टल पर अपलोड की थीं। बाद में, यह इलाका घटकर नौ हज़ार एकड़ रह गया। जब सरकार ने राजस्व विभाग से फसल के नुकसान का दोबारा वेरिफिकेशन करने को कहा, तो यह इलाका और घटकर छह हज़ार एकड़ रह गया। अब सरकार ने सिर्फ़ 489 एकड़ के लिए मुआवजा दिया है। इससे किसान बहुत निराश हैं।
किसानों ने तो पहले ही मुआवजा मिलने की उम्मीद छोड़ दी थी, जब यह घोषणा की गई थी कि पूरे राज्य के 5.65 लाख किसानों में से सिर्फ 53,821 किसानों को 116 करोड़ रुपये का मुआवज़ा मिलेगा। अब तस्वीर सबके सामने साफ़ है। कई गांवों में एक भी किसान को मुआवजा नहीं मिला है। सरकार से मुआवजा मिलने की उम्मीद छोड़ चुके किसानों ने पहले ही अपनी रबी की फसल बो दी है और उसकी तैयारी में लगे हैं। अब उन्हें रबी की फसल से अच्छी पैदावार की उम्मीद है।
मेरे गांव छैंसा में, यमुना बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान का ब्यौरा एक हजार किसानों ने ई-मुआवज़ा पोर्टल पर अपलोड किया था। सरकार ने सिर्फ़ 150 किसानों को मुआवज़ा दिया है। यह मुआवजा भी सिर्फ उन्हीं किसानों को दिया गया है जिनके खेत नदी के ठीक किनारे हैं। जिन किसानों के खेत थोड़ी दूरी पर हैं और जिनकी फसलें बाढ़ के पानी से बर्बाद हो गईं, उन्हें कोई मुआवज़ा नहीं मिला है। -राजेश भाटी, छैंसा
जब मैंने फसल के नुकसान का ब्यौरा ई-मुआवज़ा पोर्टल पर अपलोड किया, तो मेरा आवेदन इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि मेरी फसल "मेरी फसल, मेरा ब्यौरा" पोर्टल पर रजिस्टर्ड नहीं थी। मेरे गांव में किसी को भी कोई मुआवज़ा नहीं मिला। इसके अलावा, चांदपुर और नंगला गांवों के किसानों को भी कोई मुआवज़ा नहीं मिला। सरकार ने 2023 में भी यही किया था; उन्होंने तब भी मुआवज़ा नहीं दिया था।
-बाबूलाल भाटी, शाहजहांपुर
हमने ई-मुआवजा पोर्टल पर नुकसान की डिटेल्स वेरिफाई करके सबमिट कर दी हैं। अब, सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को मुआवजा सीधे उनके बैंक खातों में भेज दिया है। हमारे पास इस बात का रिकॉर्ड नहीं है कि किस किसान को कितना मुआवज़ा मिला या किस गाँव में। यह रिकॉर्ड या तो सरकार के पास है या किसानों के पास। इसलिए, इस मामले पर टिप्पणी करना मुश्किल है।
-विकास सिंह, जिला राजस्व अधिकारी

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