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    Faridabad News: अब छोटी फैक्ट्रियों के कर्मचारी बनवा सकेंगे ESI कार्ड, परिवारों को मिल सकेगी बेहतर चिकित्सा सुविधा

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 04:19 PM (IST)

    हरियाणा में अब छोटी फैक्ट्रियों के कर्मचारी भी ESI कार्ड बनवा सकेंगे, जिसके लिए कोई अनिवार्य शर्त नहीं है। क्रशर जोन, टाइल, कोयला और सीमेंट उद्योग में काम करने वालों के लिए यह कार्ड अनिवार्य होगा। ESIC की टीमें जागरूकता अभियान चलाएंगी। नए श्रम कानूनों के लागू होने के बाद ESIC कार्ड धारकों की संख्या बढ़ाने की तैयारी है। 

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    हरियाणा में अब छोटी फैक्ट्रियों के कर्मचारी भी ESI कार्ड बनवा सकेंगे। सांकेतिक तस्वीर

    अनिल बेताब, फरीदाबाद। अब राज्य में 10 से कम कर्मचारी रखने वाली छोटी और मीडियम साइज़ की फैक्ट्रियां और संस्थान भी ESI कार्ड ले सकेंगे। इसके लिए संस्थान अपनी मर्ज़ी से ESI कॉर्पोरेशन में रजिस्टर कर सकते हैं। इसके लिए कोई ज़रूरी शर्तें नहीं हैं। हालांकि, क्रशर ज़ोन, टाइल, कोयला और सीमेंट बनाने और बेचने वाले वर्करों के लिए ESI कार्ड लेना ज़रूरी कर दिया गया है। कार्ड के आधार पर वर्कर ESI डिस्पेंसरी और अस्पतालों में इलाज करवा सकेंगे।

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    हरियाणा की एम्प्लॉई स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (ESIC) ने लेबर कोड लागू होने का स्वागत किया है और इस दिशा में तैयारी कर ली है। इस पहल के तहत, ESIC की टीमें बड़ी इंडस्ट्रियल यूनिट से जुड़ी छोटी और बड़ी फैक्ट्रियों को जानकारी देंगी। टीमें उन जगहों पर भी जाएंगी जहां वर्करों के लिए ESI कवरेज ज़रूरी है।

    क्रशर ज़ोन में कई वर्करों को काम के कुछ महीनों के अंदर ही फेफड़ों और सांस की बीमारियां हो जाती हैं। ESI कार्ड मिलने के बाद, उनकी सेहत पर आसानी से नज़र रखी जा सकेगी और वे ESI अस्पतालों में इलाज करवा सकेंगे। ध्यान दें कि 31 मार्च 2025 तक के ESIC रिकॉर्ड के अनुसार, राज्य में 30 लाख ESI कार्ड होल्डर हैं।

    इनमें से 1.5 मिलियन गुरुग्राम और मानेसर में, 1.1 मिलियन फरीदाबाद, सोनीपत, बहादुरगढ़ और पलवल में और लगभग 400,000 करनाल, अंबाला, जगाधरी और यमुनानगर समेत दूसरे शहरों में हैं। ये कार्ड होल्डर 10 से ज़्यादा एम्प्लॉई वाली कंपनियों से जुड़े हैं और जिनकी महीने की सैलरी 21,000 रुपये से कम है।

    अब, चार लेबर कोड (वेज कोड, इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड, सोशल सिक्योरिटी कोड और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ और वर्किंग कंडीशंस कोड) लागू हो गए हैं। इसके बाद ही ESIC अधिकारियों ने कार्ड होल्डर की संख्या बढ़ाने की तैयारी की है। कार्ड जारी होने पर एम्प्लॉयर की सैलरी से 3.25 परसेंट और वर्कर की सैलरी से 0.75 परसेंट कंट्रीब्यूशन ESIC अकाउंट में जमा होता है।

    इसके आधार पर, वर्कर और उनके परिवार के सदस्यों को मेडिकल ट्रीटमेंट मिलता है। अब, अगर किसी ऑर्गनाइज़ेशन में कम एम्प्लॉई हैं, तो भी वह ESI कार्ड बनवा सकता है। एम्प्लॉई की संख्या की कोई ज़रूरत नहीं है।

    इन लोगों के लिए वर्कर कार्ड जरूरी

    ESIC, हरियाणा के रीजनल डायरेक्टर सुगन लाल मीणा ने बताया कि अलग-अलग एरिया में सर्वे किए जाएंगे और कार्ड बनाने से जुड़ी ज़रूरी जानकारी दी जाएगी। क्रशर ज़ोन, सीमेंट बनाने, टाइल बेचने और बनाने, पेट्रोलियम प्रोडक्ट, मार्बल और कोयला बेचने वाले वर्कर को ESI कार्ड बनवाना ज़रूरी है।