Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मास्टिक एस्फाल्ट तकनीक से तीन चौराहे हुए चकाचक

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 09 Feb 2022 05:11 PM (IST)

    ग्रेटर फरीदाबाद के चौराहों की बार-बार टूटी रही सड़क के लिए मास्टिक एस्फाल्ट तकनीक का उपयोग किया गया है।

    Hero Image
    मास्टिक एस्फाल्ट तकनीक से तीन चौराहे हुए चकाचक

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : ग्रेटर फरीदाबाद के चौराहों की बार-बार टूटी रही सड़कों से निजात दिलाने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने पहली बार नया प्रयोग किया है। तीन चौराहे की सड़कों को मास्टिक एस्फाल्ट तकनीक से चकाचक कर दिया गया है। यह आम सड़क की तुलना में अधिक समय चलती है। इस पर जलभराव का भी असर नहीं होता। अभी एक और चौराहे को इस तकनीक से बनाया जाएगा। पुलों पर बनती थी सड़कें

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मास्टिक एस्फाल्ट तकनीक बड़े-बड़े शहरों में इस्तेमाल की जाती है। इसकी लाइफ भी अच्छी होती है और सड़क पर गड्ढे भी नहीं बनते हैं। अभी तक इसका प्रयोग पुलों पर किया जाता था। क्योंकि पुलों पर वाहन चालक रुक-रुककर चलते हैं, इससे सड़क जल्दी खराब होती है। पुलों पर चढ़ते व उतरते समय जलभराव होने से सड़कें जल्दी-जल्दी खराब होती हैं। नीलम-अजरौंदा रेलवे पुल के दोनों ओर इस तकनीक का प्रयोग कर सड़क बनाई गई है। ये चौराहे हुए चकाचक

    - चंदीला चौक

    - डीपीएस चौक

    - सेक्टर-72-77 डिवाइडिग चौक क्या है मास्टिक एस्फाल्ट लेयर सड़क

    मास्टिक एस्फाल्ट लेयर में छोटे-छोटे दाने होते है जो इस सड़क को टूटने नहीं देते। वहीं इसकी लेयर अन्य सड़कों की अपेक्षा भी मोटी होती है। मास्टिक एस्फाल्ट लेयर की सड़क बनाने में स्टोन चिप्स, प्लास्टिक, क्रशर, गद्देदार परत सहित अन्य सामान का प्रयोग होता है। इससे सड़क कई साल चलती है। हालांकि इसकी लागत भी आम सड़क के मुकाबले डेढ़ गुणा रहती है लेकिन यदि लाइफ की बात करें तो कम से कम 7-8 साल तक सड़क खराब नहीं होती। अभी और चाहिए राहत

    ग्रेटर फरीदाबाद निवासी निर्मल कुलश्रेष्ठ, एके गौड़ ने बताया कि चौराहों की सड़कें दुरुस्त करना ठीक है। इससे राहत मिलेगी। लेकिन बाकी सड़कों की ओर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। सारी सड़कें टूटी हुई हैं। मास्टर रोड पर तो गड्ढे हो गए हैं। अंधेरे में परेशानी होती है। चौराहों की सड़क सबसे पहले खराब होती हैं, क्योंकि कई बार यहां जलभराव होता है। वाहन चालक भी रुक-रुककर चलते हैं। वाहनों की ब्रेक लगने से भी सड़क पर असर पड़ता है। इसलिए चौराहों को चकाचक करने के लिए मास्टिक एस्फाल्ट तकनीक से सड़कें बनाना जरूरी था।

    -मनोज सैनी, कार्यकारी अभियंता, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण