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    सर्वाइकल से बचाव में उपयोगी है भुजंग आसन: डा. ओमप्रकाश

    स्वस्थ समाज सरोकार के तहत जिले में हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्टीय दिवस मनाया जाएगा।

    By JagranEdited By: Updated: Wed, 15 Jun 2022 06:19 PM (IST)
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    सर्वाइकल से बचाव में उपयोगी है भुजंग आसन: डा. ओमप्रकाश

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : स्वस्थ समाज सरोकार के तहत जिले में हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। जिला प्रशासन के साथ ही विभिन्न संस्थाओं की ओर से जगह-जगह योग शिविर लगाए जाते हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों। राष्ट्रहित में दैनिक जागरण भी कई वर्षों से लोगों को योग के प्रति जागृत कर रहा है। हर वर्ष की भांति इस बार भी दैनिक जागरण और ओम योग संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 21 जून को संगीतमय योग शिविर का आयोजन किया जाएगा। ग्राम पाली में ओम योग संस्थान के प्रांगण में योगीराज डा.ओम प्रकाश महाराज के सानिध्य में यह आयोजन होगा। डा.संदीप आर्य इसमें महत्वपूर्ण सहयोग करेंगे।

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    योगीराज डा.ओम प्रकाश के अनुसार योग दिवस से पहले अलग-अलग योग, प्राणायाम, आसन की विधि और इसके लाभ से अवगत कराया जाता है, ताकि हर नागरिक की शारीरिक व मानसिक स्थिति बेहतर हो। इस कड़ी में योगीराज डा.ओम प्रकाश महाराज ने सर्वाइकल से बचाव की महत्वपूर्ण जानकारी दी। भुजंग आसन के बारे में विस्तार से बताया। भुजंगासन के लाभ

    -मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

    -कंधों को मजबूती प्रदान करता है।

    -शरीर में लचीलापन बढ़ता है।

    -तनाव और थकान को दूर करता है।

    -इससे हृदय स्वस्थ रहता है। भुजंग आसन की विधि

    -भुजंगासन करने के लिए सर्वप्रथम पेट के बल लेट जाएं।

    -इसके बाद हथेली को कंधे के नीचे रखें।

    -अपने दोनों पैरों को पीछे की तरफ खींचते हुए सीधा रखें और दोनों पैरों में दूरी नहीं होनी चाहिए।

    -इसके बाद सांस लें और शरीर के अगले भाग को ऊपर की ओर उठाएं।

    -इस बात का ख्याल रखें कि कमर पर ज्यादा खिचाव न आए। यह है महत्वपूर्ण जानकारी

    आज के मशीनी दौर में बहुत से कामगारों को अपने कार्यकाल के दौरान अनेक शारीरिक, मानसिक अवस्थाओं से गुजारना पड़ता है। यह समय उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से तनाव भी देता है और उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इस प्रकार की अनेक अवस्थाओं से व्यक्ति धीरे-धीरे रोगी बन जाता है, जिनमें से कुछ शारीरिक अवस्थाएं पीड़ादायक होती हैं। उन्हीं में से एक हमारे गर्दन व कंधों की मांस पेशियों को प्रभावित करने वाली व्याधि है सर्वाइकल स्पान्डिलाइटिस। इसमें पीड़ित को गर्दन को दाएं-बाएं और ऊपर-नीचे करने में काफी दर्द होता है। यह समस्या प्रमुख रूप से रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) को प्रभावित करती है। इस तरह से हो सकता है बचाव

    जिन लोगों को कार्यालय में लंबे समय तक बैठकर काम करना होता है, उन्हें इस समस्या से जूझना पड़ता है। बिगड़ती जीवनशैली के चलते कई लोग इस समस्या का सामना कर रहे हैं। ऐसे में आप योग से अपनी इस समस्या का निवारण कर सकते हैं। सर्वाइकल से बचाव में भुजंग आसन उपयोगी सिद्ध होता है। गर्दन व कंधों के व्यायाम, मेरुदंड के व्यायाम तथा साथ में कपालभाति, अनुलोम-विलोम व भ्रामरी प्राणायाम भी लाभकारी हैं।