Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Faridabad News: यमुना किनारे अवैध कब्जों को मिली मालिकाना हक, क्या है इन गांवों की कहानी?

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 07:18 PM (IST)

    यमुना नदी के किनारे बसे गांवों में पंचायत की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले निवासियों के कब्जे को सरकार नियमित करेगी। 2004 से पहले कब्जा करने वालों को मालिक बनाया जाएगा। इसके लिए आवेदकों को 2004 से पहले के दस्तावेज और जमीन के सर्किल रेट जमा करने होंगे। इस योजना से साहूपुरा खादर, मोठूका और शाहजहांपुर के हजारों निवासियों को फायदा होगा।

    Hero Image

    यमुना नदी के किनारे बसे गांवों में पंचायत की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले निवासियों के कब्जे को सरकार नियमित करेगी। फाइल फोटो

    सुभाष डागर, बल्लभगढ़। यमुना नदी के किनारे पंचायत की जमीन पर गैर-कानूनी तरीके से कब्ज़ा करके घर बनाने वाले तीन गांवों के ग्रामीणों के गैर-कानूनी कब्जे अब पक्के किए जाएंगे। इन ग्रामीणों के घर अब नहीं गिराए जाएंगे। इन घरों से जुड़े मामलों की सुनवाई SDM कोर्ट कर रही है। सरकार ने ऐसे गैर-कानूनी कब्ज़ों को पक्का करने के लिए एक स्कीम शुरू की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरकार की इस स्कीम के तहत, 2004 से पहले पंचायत या देह शामलात ज़मीन पर गैर-कानूनी तरीके से कब्ज़ा करके घर बनाने वाले ग्रामीणों को अब मालिक बनाया जा रहा है। इस स्कीम के तहत ग्रामीणों को अपनी एप्लीकेशन जमा करनी होगी। कब्ज़ा लेने के लिए, आवेदकों को 2004 से पहले के अपने बिजली के बिल, चूल्हे के टैक्स की रसीदें, रहने का सर्टिफिकेट और दूसरे डॉक्यूमेंट, 2004 का ज़मीन का सर्किल रेट और मौजूदा सर्किल रेट की कॉपी जमा करनी होगी।

    संबंधित गांव की ग्राम सभा और पंचायत के प्रस्ताव की कॉपी की जरूरत होगी। प्रस्ताव में लिखा होगा कि कब्जा करने वाले का कब्जा 2004 से पहले का है। गांव के 2004 के सिंद्रा की कॉपी भी जरूरी होगी।

    प्रशासन 2004 की सैटेलाइट इमेज की तुलना 2004 की सैटेलाइट इमेज से कर सकता है। इस स्कीम से यमुना किनारे बसे साहूपुरा खादर, मोठूका और शाहजहांपुर के हजारों गांववालों को फायदा होगा।

    इन गांवों की कहानी... 

    2024 में यमुना नदी में बाढ़ आई थी। बाढ़ को रोकने के लिए गुरुग्राम के उस समय के डिप्टी कमिश्नर एल.एफ. ब्रेन ने साहूपुरा खादर, शाहजहांपुर और नंगला को दूसरे गांवों की पंचायती जमीन पर बसाने का आदेश दिया था। इन आदेशों के तहत साहूपुरा खादर को अरुआ, शाहजहांपुर को चांदपुर और नंगला को मोठूका में बसाया गया। गांववालों को बसाने के लिए साहूपुरा की पंचायती जमीन को अरुआ, शाहजहांपुर को चांदपुर और नंगला को मोठूका में अलॉट किया गया था।

    बाद में गांववालों ने अपने-अपने गांवों में अलॉट की गई पंचायती जमीन से ज्यादा जमीन पर गैर-कानूनी कब्जा कर लिया और ज्यादा मकान बना लिए। अब, संबंधित गांवों की पंचायतों ने अपनी पंचायती ज़मीन से कब्ज़ा हटाने के लिए SDM कोर्ट में केस किया है। अब, सरकार ने पंचायती जमीन पर कब्जों को पक्का करने के लिए एक स्कीम शुरू की है। इस स्कीम के तहत, मालिक को सर्कल रेट के हिसाब से जमीन की कीमत देनी होगी। इसके बाद, इसमें शामिल ग्रामीणों के अवैध कब्ज़े को कोई नहीं तोड़ेगा। इससे उनकी समस्या का पक्का समाधान हो जाएगा।

    जिस गांव की पंचायती जमीन पर कब्ज़ा है, उसे एक प्रस्ताव पास करना होगा। जिस गांव की पंचायती ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा है, उस गांव की पंचायत और ग्राम सभा को भी एक प्रस्ताव देना होगा। SDM कोर्ट उन ग्रामीणों के दावों को खारिज कर देगा जिनकी पंचायती ज़मीन पर कब्जा है, और इन गांवों के ग्रामीणों के अवैध कब्ज़ों को पक्का कर दिया जाएगा। इससे ग्रामीणों को सबसे अधिक फायदा होगा।

    - प्रदीप कुमार, जिला पंचायत और विकास अधिकारी, फरीदाबाद