फरीदाबाद NIT में सीवर लाइनें होंगी अपग्रेड, एजेंसी कर रही है सर्वे
फरीदाबाद में सीवर की समस्या को हल करने के लिए राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं। ओल्ड फरीदाबाद में सीवर लाइनों के लिए एक एजेंसी को पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट म ...और पढ़ें
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एनआइटी विधानसभा क्षेत्र की गली में सीवर ओवरफ्लो के कारण ऐसी बनी रहती है स्थिति। जागरण
दीपक पांडे, फरीदाबाद। औद्योगिक शहर में सीवर की समस्या को हल करने के लिए राज्य सरकार के स्तर पर प्रयास शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में ओल्ड फरीदाबाद में सीवर लाइनों के लिए एक एजेंसी को पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट देने की मंजूरी दी गई। अब, NIT विधानसभा क्षेत्र में सीवर लाइनों के सर्वे के निर्देश जारी किए गए हैं। कॉर्पोरेशन ने सर्वे का काम वेबकूर्स एजेंसी को सौंपा है। एजेंसी हर वार्ड में आबादी और मौजूदा सीवर लाइनों के आकार का आकलन करेगी।
यह तय किया जाएगा कि आबादी के हिसाब से सीवर लाइनों को बदलने की ज़रूरत है या नहीं। एजेंसी NIT के सभी नौ वार्डों का सर्वे करेगी और कमिश्नर को रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद कॉर्पोरेशन यह रिपोर्ट शहरी स्थानीय निकाय मुख्यालय को भेजेगा। उसके बाद, जिन वार्डों में सीवर लाइनें आबादी के हिसाब से कम हैं, वहां उन्हें बदलने का काम किया जाएगा। सर्वे पूरा होने के बाद एजेंसी एक विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करेगी।
सीवर लाइन की सफाई का काम तीन महीने से ज्यादा चला
NIT में फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 72 इंच की सीवर लाइन पर तीन महीने से ज़्यादा काम किया। सफाई के लिए पूरी तरह से अलग लाइन बिछाई गई थी। इसके बावजूद सीवर की समस्या हल नहीं हुई। NIT के कई वार्डों में हल्की बारिश से भी सीवर ओवरफ्लो हो जाते हैं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि लाइनें बहुत पहले बिछाई गई थीं, और तब से आबादी तेज़ी से बढ़ी है। नतीजतन, अब सीवर लाइनें छोटी पड़ गई हैं। कई जगहों पर वर्कशॉप और डेयरी मालिकों ने भी सीवर लाइनों में अवैध कनेक्शन जोड़ रखे हैं। डेयरी मालिक कचरा सीवर लाइनों में डाल देते हैं। वार्ड छह और सात में सबसे ज़्यादा सीवर ओवरफ्लो होते हैं।
एजेंसी ने अब तक सिर्फ दो वार्डों में सर्वे
एजेंसी ने अब तक सिर्फ़ दो वार्डों में सर्वे का काम पूरा किया है। बाकी सात वार्डों में सर्वे पूरा करने के लिए दो महीने का समय दिया गया है। सर्वे के बाद कॉर्पोरेशन मिनी STP लगाने और सीवर लाइनों को बदलने का काम भी करेगा।
NIT के ज्यादातर वार्डों में सीवर की समस्या है। आबादी के घनत्व के आधार पर उन क्षेत्रों की पहचान करने के लिए सर्वे करने का आदेश जारी किया गया है जहां सीवर लाइनों को बदलने की ज़रूरत है। उन क्षेत्रों में नई लाइनें बिछाई जाएंगी। धीरेंद्र खड़गटा, कमिश्नर, नगर निगम
NIT में सीवर की समस्या का मुद्दा विधानसभा में भी उठाया गया था। इसके बाद, एक एजेंसी को सर्वे करने की ज़िम्मेदारी दी गई। एजेंसी अपनी पूरी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करके कॉर्पोरेशन को सौंपेगी। इस बार, मकसद सीवर की समस्या का पक्का समाधान ढूंढना है।
-सतीश फागना, विधायक, NIT विधानसभा क्षेत्र

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