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    ग्रेटर फरीदाबाद की सबसे बड़ी सोसायटी ने शुरू किया जीरो वेस्ट मॉडल, कचरे से तैयार होगी खाद

    Updated: Sun, 30 Nov 2025 06:48 PM (IST)

    ग्रेटर फरीदाबाद की सोसायटियां पर्यावरण बचाने के लिए आगे आ रही हैं। आरपीएस सवाना सोसायटी ने कचरे से खाद बनाने के लिए दस एरोबिन लगाए हैं। सोसायटी में नि ...और पढ़ें

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    सेक्टर-88 स्थित आरपीएस सवाना सोसायटी में लगाए गए दस एरोबिन्स। सौ. आरडब्ल्यूए


    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। ग्रेटर फरीदाबाद की सोसायटियां अब पर्यावरण बचाने की दिशा में आगे आ रही हैं। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अपने लेवल पर वेस्ट मैनेजमेंट का इंतजाम कर रही हैं। रविवार को शहर की सबसे बड़ी सोसायटियों में से एक आरपीएस सवाना ने भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए दस एरोबिन (कम्पोस्टर) लगाए।

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    सोसायटी के कचरे का इस्तेमाल अब खाद बनाने में किया जाएगा। इस खाद का इस्तेमाल सोसायटी के पार्कों और किचन गार्डन में किया जाएगा। सोसायटी में हाउसिंग हेल्पर्स को भी खाद बनाने की ट्रेनिंग दी गई।

    सेक्टर 88 में स्थित आरपीएस सवाना सोसायटी में करीब 2,300 फ्लैट हैं, जिनमें करीब 2,000 लोग रहते हैं। इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (IPCA) के साथ मिलकर RWA ने वेस्ट मैनेजमेंट के लिए दस एरोबिन लगाए हैं। सोसायटी से रोजाना 350 kg गीला कचरा निकलता है।

    पहले यह कचरा नगर निगम को दिया जाता था, लेकिन अब इसका इस्तेमाल खाद बनाने में किया जाएगा। आने वाले दिनों में एरोबिन की संख्या बढ़ाई जाएगी। 4 नवंबर को सोसायटी में ई-वेस्ट इकट्ठा करने के लिए एक कैंप लगाया गया था। लोगों ने खराब फोन, लैपटॉप, चार्जर वगैरह नमो ई-वेस्ट संस्था को दान किए।

    14 महीने में चार हजार किलोग्राम कचरा रीसाइक्लिंग के लिए भेजा गया 

    RWA प्रेसिडेंट आकाशदीप पटेल और पदाधिकारी राजीव खुराना ने बताया कि पिछले 14 महीनों से सोसायटी गीला, सूखा और प्लास्टिक कचरा अलग कर रही है। इस अभियान के तहत RWA ने पिछले 14 महीनों में चार हजार किलोग्राम कचरा रीसाइक्लिंग के लिए IPCA को भेजा है।

    सोसायटी के अवेयरनेस प्रोग्राम में चीफ गेस्ट एक गौर, बबीता सिंह और ग्रीन वॉलंटियर्स ग्रुप के गीतांजलि, शशि रंजन, देव कौशिक और निधि धवन समेत अन्य लोगों ने अवेयरनेस फैलाई। लोगों को प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कपड़े के बैग बांटे गए।