रावण का हुआ अंत, धर्म की हुई जीत
जागरण संवाददाता फरीदाबाद शहर की रामलीला कमेटियों के मंच पर बृहस्पतिवार रात लक्ष्मण-म

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : शहर की रामलीला कमेटियों के मंच पर बृहस्पतिवार रात लक्ष्मण-मेघनाद, राम-रावण युद्ध प्रसंग का मंचन हुआ। श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी की ओर से डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर-14 के सभागार में जारी रामलीला में लक्ष्मण की भूमिका में अनिल चावला, मेघनाद की भूमिका में विजय कंठा, हनुमान की भूमिका में कैलाश चावला, विभीषण बने राजकुमार ढींगड़ा, रावण की भूमिका में सदाबहार श्रवण चावला ने शानदार अभिनय से मन मोहा। बीच-बीच में शानदार संवाद अदायगी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
जागृति रामलीला कमेटी, दो ई-पार्क की ओर से रामलीला में रावण वध व राजतिलक प्रसंग का मंचन किया गया। रामलीला मंचन के बीच-बीच में भक्ति गीतों पर कलाकारों ने नृत्य पेश किया। राम-लक्ष्मण एवं रावण के बीच लगभग आधे घंटे तक युद्ध चला। लंका में रावण वध के बाद श्रीराम, लक्ष्मण व सीता अयोध्या लौट आए। इस दौरान अयोध्या में लोगों ने भगवान श्रीराम का फूलमालाओं से स्वागत किया। उसके बाद श्रीराम को अयोध्या की गद्दी सौंपकर उनका राजतिलक किया गया। रामलीला में कलाकारों ने हवन भी किया। जागृति रामलीला कमेटी के संरक्षक मोहन सिंह भाटिया तथा प्रधान योगेश भाटिया ने अतिथियों का स्वागत किया। रामलीला के निर्देशक ओमप्रकाश तथा प्रदीप को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
श्री धार्मिक लीला कमेटी के मंच पर रामलीला मंचन के दौरान मेघनाद व रावण का वध किया गया। राम और हनुमान के साथ अहिरावण का युद्ध होता है, जहां अहिरावण हनुमान के हाथों मारे जाते हैं। अंत में बुराई पर अच्छाई की जीत होती है और रावण प्रभु राम के हाथों वीर गति को प्राप्त होते हैं। राम की भूमिका में जितेश गेरा, लक्ष्मण के रूप में राजू खरबंदा, हनुमान बने रोहित खरबंदा, अहिरावण बने रिकू दीवान, रावण के रूप में तेजिद्र खरबंदा, मेघनाद बने परवीन बतरा, निकुंभ के रूप में हार्दिक बत्तरा ने अभिनय क्षमता से मन मोहा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।