सिगल यूज प्लास्टिक तथा पालीथिन के प्रयोग व बिक्री पर पहले ही दिन 80 चालान
जिले में सिगल यूज प्लास्टिक तथा पालीथिन की बिक्री व प्रयोग पर कार्रवाई शुरू हो गई है।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : जिले में सिगल यूज प्लास्टिक तथा पालीथिन की बिक्री व प्रयोग पर कार्रवाई करते हुए नगर निगम ने 80 चालान काटे हैं। इस मामले में 35 हजार रुपये जुर्माना किया है। बता दें एक जुलाई से पालीथिन तथा सिगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध किया गया है। इस मामले में नगर निगम 40 टीमें अलग-अलग वार्डों में सक्रिय रहीं। एनआइटी, ओल्ड फरीदाबाद तथा बल्लभगढ़ कार्रवाई की गई। इस दौरान राह चलते लोगों को जागरूक भी किया गया। कई बाजारों में पालीथिन प्रयोग करने तथा बिक्री पर चलान काटे गए।
बता दें कि केंद्र के निर्देशानुसार अब 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाली पालीथिन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। नगर निगम की ओर से सख्ती बरतने को हर वार्ड के लिए पहले ही टीमें बना दी गई थीं। 30 जून तक शहर में 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाली पालीथिन की बिक्री या प्रयोग करने पर नगर निगम की ओर से चालान किया जा रहा था। नगर निगम के निरीक्षक बिशन सिंह तेवतिया ने बताया कि बहुत से लोग पालीथिन के प्रयोग के बाद इधर-उधर फेंक देते हैं। लगभग 80 किलोग्राम पालीथिन जब्त की गई है। उच्च अधिकारियों के आदेश अनुसार इस पालीथिन का प्रयोग सड़क निर्माण में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शनिवार को भी निगम की टीमें सक्रिय रहेंगी। जागरूक हो रहे दुकानदार
पालीथिन व सिगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बाद बहुत से दुकानदार और लोग जागरूक हो रहे हैं। कई दुकानदारों ने पालीथिन रखना बंद कर दिया है। व्यापारिक संगठनों ने दुकानदारों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष राम जुनेजा ने लोगों से अपील की कि केंद्र के दिशा-निर्देशों का पालन करें। सख्ती से लागू करेंगे नियम
जिला उपायुक्त जितेंद्र यादव ने बताया कि एनजीटी द्वारा बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने और वातावरण को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से सिगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है। डीसी ने बताया कि प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2016 प्रभावी तरीके से लागू हो गया है। आदेशों की अवहेलना पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति अथवा संस्थान के खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई करने का भी प्रविधान किया गया है। हर नागरिक केंद्र के दिशा-निर्देशों के पालन में सहयोग करे। इस मामले में उद्यमियों का सहयोग बेहद जरूरी है। उद्योग संचालकों को इस बारे में भलीभांति अवगत कराया जा चुका है। हमारी टीमें निगरानी कर रही हैं। यदि किसी उद्योग में प्रतिबंधित प्लास्टिक बनते हुए मिला, तो सीलिग की कार्रवाई की जाएगी। इसलिए संचालकों से अपील है कि वे प्रतिबंधित चीजें न बनाएं। पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करें।
-दिनेश कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।
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