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    फरीदाबाद में अवैध कॉलोनी का जाल, एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी के नाम पर हजारों ठगे; बुलडोजर एक्शन शुरू

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 05:49 AM (IST)

    फरीदाबाद में कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ अवैध कॉलोनियां भी बढ़ रही हैं। कॉलोनाइजर लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी का लालच देकर प्लॉट बेच रहे हैं। जिला नगर योजनाकार विभाग इन अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है, क्योंकि ये मास्टर प्लान 2031 के लिए खतरा हैं। कॉलोनाइजर कॉल सेंटर के माध्यम से भी प्लॉट का प्रचार कर रहे हैं। विभाग ने जनता से ऐसी कॉलोनियों में प्लॉट न खरीदने की अपील की है।

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    फरीदाबाद में कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ अवैध कॉलोनियां भी बढ़ रही हैं।

    प्रवीण कौशिक, फरीदाबाद। औद्योगिक नगरी का ग्रेटर नोएडा और नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसे पड़ोसी जिलों से सीधा और आसान संपर्क होने वाला है। फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद कनेक्टिविटी परियोजना पर भी काम शुरू होने वाला है। बाईपास पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भी चालू हो गया है। इसी कनेक्टिविटी का हवाला देकर कॉलोनाइजर धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियां विकसित कर रहे हैं। लोगों को बेहतरीन लोकेशन और पड़ोसी जिलों से बेहतर कनेक्टिविटी का झांसा दिया जा रहा है।

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    उन्हें सपने दिखाए जा रहे हैं कि कुछ ही महीनों में इस कॉलोनी में 25 से 30 हजार प्रति वर्ग गज की दर हो जाएगी। नतीजतन, हजारों लोग प्लॉट लेकर घर बना रहे हैं। कई कॉलोनियों को औद्योगिक प्लॉट भी आवंटित किए जा रहे हैं। दो महीने के भीतर कई कॉलोनियों में कार्रवाई भी हुई है। यहां बड़े शेड के नीचे फैक्ट्रियां चल रही थीं।

    खास बात यह है कि ऐसी कॉलोनियां मास्टर प्लान 2031 के लिए खतरा हैं। पिछले दो साल से कनेक्टिविटी परियोजनाओं के आसपास कृषि भूमि की खरीद-फरोख्त बढ़ गई है। कॉलोनाइजरों की ऐसी कार्रवाइयों के चलते जिला नगर योजनाकार प्रवर्तन विभाग सक्रिय हो गया है। अब अवैध कॉलोनियाँ विकसित करने वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हो रहे हैं।

    कॉल सेंटर स्थापित, युवतियां कर रही हैं फोन

    गाँवों में कृषि भूमि खरीदकर कॉलोनियाँ विकसित करने वाले भी अपनी योजनाओं का ज़ोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं। कॉलोनाइज़रों ने अपने कार्यालयों में युवतियों को नियुक्त किया है जो लगातार लोगों को फ़ोन करती हैं। वे आसान किश्तों पर प्लॉट उपलब्ध कराने और बेहतर कनेक्टिविटी का वादा करती हैं। वे रोज़ाना कुछ लोगों को ठगने में कामयाब हो जाती हैं।

    इसके अलावा, लोगों को विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर लगातार ऐसे प्लॉट खरीदने के प्रस्ताव मिल रहे हैं। उनके घरों तक भी पर्चे पहुँचाए जा रहे हैं। उन्हें प्लॉट की रजिस्ट्री कराने का लालच दिया जा रहा है। उन्हें पक्की सड़कें और बिजली कनेक्शन देने का वादा किया जा रहा है। इसलिए, न केवल इस ज़िले के लोग, बल्कि दिल्ली, गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा के लोग भी यहाँ निवेश कर रहे हैं और प्लॉट खरीद रहे हैं।

    औद्योगिक शहर और आवासीय क्षेत्रों के लिए खतरा

    हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (HSIIDC) और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) द्वारा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक बनाए जा रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे फरीदाबाद और पलवल के नौ गाँवों: छांयसा, मोहना, मोहियापुर, बाघपुर कलां, बाघपुर खुर्द, बहरौला, हंसपुर, सोल्दा और थंथरी को औद्योगिक शहर के लिए लक्षित किया गया है। इनमें से प्रत्येक गाँव से नौ हज़ार एकड़ भूमि अधिग्रहित करने का प्रस्ताव है। HSIDC यहाँ औद्योगिक शहर की स्थापना करेगा।

    इसके अलावा, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण अपने क्षेत्र का विस्तार भी कर रहा है। इस उद्देश्य के लिए, ग्रेटर फरीदाबाद के 18 गाँवों: खेड़ी कलां, नचौली, ताजपुर, ढकोला, शाहबाद, बदरपुर सैद, साहूपुरा, सोतई, सुनपेड़, मलेरना, जाजरू, भैंसरौली, फत्तूपुरा, भुआपुर, जसाना, फरीदपुर, सादपुरा और तिगांव से साढ़े चार हज़ार एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगी।

    इन गांवों में सेक्टर 94ए, 96, 96ए, 99, 100, 101, 102, 103, 140, 141 और 142 विकसित किए जाएंगे। इनमें आवासीय के साथ-साथ व्यावसायिक सेक्टर भी शामिल होंगे। इनमें से अधिकांश गांवों में अवैध कॉलोनियां विकसित हो रही हैं। जिला नगर योजनाकार और प्रवर्तन विभाग कई बार कार्रवाई कर चुके हैं।

    इस बीच, मास्टर प्लान 2031 तैयार हो चुका है, जिसमें विशिष्ट गतिविधियों को परिभाषित किया गया है। यदि कृषि भूमि पर अवैध प्लॉटिंग होती है, तो मास्टर प्लान के उद्देश्य प्रभावित होंगे। इस योजना के तहत, मास्टर रोड और सेक्टर रोड बनाए जाएंगे। हालांकि, अगर अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त कर दिया जाता है, तो बाद में उन्हें हटाना मुश्किल होगा।


    एक्सप्रेसवे और निर्माणाधीन कनेक्टिविटी परियोजनाओं से सटे गांवों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। यहां कॉलोनियों को विकसित होने से पहले ही ध्वस्त किया जा रहा है। तीन महीने में 35 से अधिक बार कार्रवाई की जा चुकी है। किसी भी हालत में कॉलोनियों को विकसित नहीं होने दिया जाएगा। जनता से आग्रह है कि ऐसी कॉलोनियों में प्लॉट न खरीदें।
    - यजन चौधरी, डीटीपीई