फरीदाबाद में एक नवंबर से पेपर रहित होगी रजिस्ट्री, अब काटने नहीं पड़ेंगे तहसीलों के बार-बार चक्कर
फ़रीदाबाद में 1 नवंबर से रजिस्ट्री प्रक्रिया पेपरलेस होने जा रही है। अब नागरिकों को तहसीलों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, क्योंकि सभी कार्य ऑनलाइन होंगे। इस नई प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ेगी, समय और धन की बचत होगी, और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण होगा। विभाग ने इसके लिए सभी तकनीकी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 30 सितंबर को कुरुक्षेत्र की बाबैन तहसील में पेपर रहित रजिस्ट्री की शुरुआत की।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। जिले की सभी तहसील व उपतहसीलों में एक नवंबर से पेपर रहित रजिस्ट्री करने की तैयारी हो रही है। अधिकारी इसकी तैयारी में जुट गए हैं। हालांकि इस संबंध में पूरी जानकारी तहसीलों में एक-दो दिन में आ जाएगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 30 सितंबर को कुरुक्षेत्र की बाबैन तहसील में पेपर रहित रजिस्ट्री की शुरुआत की थी।
अब प्रशासन ने स्टांप पेपर न खरीदने की सलाह दी है। जिन्होंने भी खरीद लिए हैं, वह अपनी रजिस्ट्री एक नवंबर से पहले करा लें, वरना उन्हें दिक्कत हो सकती है। क्योंकि एक नवंबर के बाद स्टांप पेपर की जरूरत नहीं होगी। अब तक रजिस्ट्री के लिए स्टांप खरीदना होता था और उसके साथ जमीन से संबंधित कागज लगाने होते थे।
राजस्व विभाग ने अब पेपर रहित रजिस्ट्री का फैसला लिया है। याद रहे एक नवंबर के बाद पुरानी पंजीकरण प्रणाली काम नहीं करेगी। जिले में तीन तहसील फरीदाबाद, बल्लभगढ़ व बड़खल हैं जबकि उपतहसील दयालपुर, मोहना, गौंछी, तिगांव व धौज हैं।
अब ऐसे होगा काम
अब जिस किसी को भी रजिस्ट्री करानी है, वह पोर्टल पर आनलाइन जमीन से संबंधित दस्तावेज अपलोड करेंगे। स्टांप का भुगतान भी आनलाइन सरकारी खजाने में किया जाएगा। जैसे ही सारे दस्तावेज अपलोड होंगे, यह सीधे संबंधित तहसीलदार के पास दिखाए देने शुरू हो जाएंगे।
पांच दिन के अंदर रजिस्ट्री क्लर्क सारे दस्तावेज देखेंगे और यदि कोई कमी होगी तो रजिस्ट्री कराने वालों को तुरंत बताएंगे। कमी पूरी कराने के बाद आवेदकों को टोकन देकर केवल एक बार फोटो व साइन करने के लिए ही बुलाया जाएगा। रजिस्ट्री भी आनलाइन दी जाएगी। यानी वह अपने घर बैठे ही इसे प्राप्त कर सकेंगे।
चक्कर काटने से मिलेगी राहत
फरीदाबाद एस्टेट एजेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान आकाश गुप्ता ने बताया कि यह सुविधा तो बेहतर है लेकिन इसकी पूरी गाइडलाइन आना बाकी हैं। यानी इससे संबंधित पूरी जानकारी साझा की जानी चाहिए। तभी हमें समझ आएगा कि क्या-क्या करना है। वरना शुरुआत में लोगों को परेशानी हो सकती है। तहसीलों में भी गाइडलाइन नहीं आई हैं। इसलिए लोगों को पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही है।
हमारी सरकार पूरी तरह से पारदर्शी व्यवस्था के तहत काम करने की ओर अग्रसर है। पेपर रहित रजिस्ट्री से लोगों को तहसीलों के चक्कर काटने से राहत मिल जाएगी। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। आनलाइन पेपर रहित सिस्टम शुरू होने से किसी को भी सुविधा शुल्क देने की जरूरत नहीं होगी। - विपुल गोयल, राजस्व मंत्री

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