फरीदाबाद में 'डिजिटल अरेस्ट' का शिकार हुए बुजुर्ग दंपती, साइबर ठगों ने उड़ाए 81 लाख
फरीदाबाद में एक बुजुर्ग दंपती साइबर ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर उनसे 81 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साइबर अपराध शाखा इस मामले की गहराई से छानबीन कर रही है ताकि अपराधियों को पकड़ा जा सके।
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डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए बुजुर्ग दंपत्ति। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। सेक्टर सात में रहने वाले राष्ट्रीय सीमेंट एवं निर्माण सामग्री परिषद से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक एवं उनकी पत्नी को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 81 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने पूर्व वैज्ञानिक को मनी लांड्रिंग व मानव तस्करी का मामला दर्ज होने की धमकी देकर डराया था।
मकान में दंपती ही रहते थे, इसलिए इस बारे में किसी को पता नहीं चल सका। वैसे भी ठगों ने यह बात किसी और को बताने के लिए मना कर दिया था। जब बुजुर्ग दंपती की बेटी व दामाद उनसे मिलने आए तो उन्होंने इस बारे में जिक्र किया। लेकिन तब तक ठगी हो चुकी थी। साइबर थाना बल्लभगढ़ में मामला दर्ज कर लिया गया है।
सेक्टर सात में रहने वाले विष्णु पद चटर्जी ने साइबर थाने में दी शिकायत में बताया कि उन्हें सेवानिवृत्त हुए करीब आठ साल हो गए हैं। उनकी दो बेटियां शादीशुदा हैं। मकान में वह पनी पत्नी सुबाला संग रहते हैं। 14 अक्टूबर की दोपहर को उनके पास अनजान नंबर से वाट्सएप काल आई। काल करने वाले ने अपने आपको डीसीपी बेंगलुरु बताया। कहा कि उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग व मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया है। इसके बाद किसी ने अपने आपको मुंबई सीबीआइ का अधिकारी बनकर फोन किया और कहा कि उनके खिलाफ जांच की जा रही है।
जमा रकम की जानकारी ली
इसके बाद उन्हें वीडियो काल की गई और कहा गया कि जब तक वह नहीं कहते काल कटनी नहीं चाहिए। यह सुनकर वह डर गए। पत्नी को इस बारे में बताया। ठगों ने उन दोनों को वीडियो काल पर रहने के लिए कहा। इस दौरान किसी अन्य को न बताने की भी धमकी दी गई। इस तरह से बुजुर्ग दंपती को 17 अक्टूबर तक समय-समय पर ठग वीडियो काल करते रहे और उनकी निगरानी करते रहे। बुजुर्ग दंपती को डरा कर उनके खातों में जमा रकम की पूरी जानकारी ली गई।
कहा गया कि सारी रकम को ट्रांसफर करो, जांच पूरी होने के बाद रकम वापस कर दी जाएगी। बुजुर्ग विष्णु ने अपने खातों में जमा 81 लाख की रकम बैंक से आरोपिताें के बताए गए खाते में ट्रांसफर करा दी। 18 अक्टूबर को बल्लभगढ़ में रहने वाली उनकी बेटी व दामाद दीवाली को लेकर उनके पास आए। तब उन्होंने दोनों को परेशान पाया। पूछने पर दंपती ने सारी बात बता दी। बेटी व दामाद तुरंत समझ गए कि ठगी हो गई। इसकी सूचना पुलिस को दी गई।
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