फरीदाबाद में दो दशक बाद नाले की सफाई, जलभराव से मिलेगी राहत
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़े फरीदाबाद के सेक्टर 12-15 में स्थित एक पुराने नाले की सफाई शुरू हो गई है। प्राधिकरण के अनुसार, नाला दो दशकों से जाम था, जबकि नगर निगम सफाई पर लाखों खर्च करने का दावा करता है। सफाई में अभी दो महीने और लगेंगे। यह नाला कई क्षेत्रों के वर्षा जल निकासी का मुख्य केंद्र है, और सफाई के बाद जलभराव की समस्या कम होने की उम्मीद है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़े फरीदाबाद के सेक्टर 12-15 में स्थित एक पुराने नाले की सफाई शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को दिल्ली-मथुरा हाईवे से जोड़ने वाले सेक्टर 12-15 स्थित डिवाइडर रोड के किनारे बने पुराने नाले की सफाई शुरू हो गई है। यह नाला करीब 10 फीट गहरा है। अब यह नाला फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में है।
सफाई के बाद पता चला कि यह पूरी तरह से जाम हो चुका है। करीब एक महीने से इसकी सफाई हो रही है, लेकिन अभी भी काफी कीचड़ बह रहा है। अधिकारियों के अनुसार, नाले की हालत देखकर लगता है कि पिछले दो दशकों से इसकी सफाई नहीं हुई है। नगर निगम हर साल नाला सफाई पर लाखों रुपये खर्च करने का दावा करता है, लेकिन हकीकत बारिश के बाद सामने आती है।
सफाई में लगेंगे दो महीने और
प्राधिकरण का ठेकेदार मथुरा रोड की तरफ से नाले की सफाई कर रहा है। क्रेन की मदद से मैनहोल से लोहे के ड्रमों में कीचड़ निकाला जा रहा है। अंदर की बेहद खराब स्थिति के कारण एक महीने में सिर्फ 250 मीटर नाले की सफाई हो पाई है। यही वजह है कि एक्सप्रेसवे के लिंक रोड पर बने नाले की सफाई में करीब दो महीने और लगेंगे। अधिकारियों का दावा है कि नाले की अच्छी तरह सफाई हो जाने के बाद, चार-पाँच साल तक कोई समस्या नहीं होगी।
मुख्य वर्षा जल निकासी केंद्र
यह नाला वर्षा जल निकासी का मुख्य केंद्र है। अजरौंदा चौक, उससे सटे हाईवे लिंक रोड, डीसी रोड, जजेज रोड और सेक्टर 14 व 15 को जोड़ने वाली सड़क के किनारे स्थित नालों का पानी भी इसी नाले में आता है। यह नाला सेक्टर 13 स्थित जल निकासी स्थल से जुड़ा है। नाले की सफाई न होने के कारण, बारिश के बाद इन सड़कों पर भारी जलभराव हो जाता था। अब जब ये सड़कें प्राधिकरण के अधीन आ गई हैं, तो नाले की सफाई भी शुरू हो गई है। नाले की पूरी सफाई हो जाने के बाद, अगले मानसून में कुछ समय बाद पानी निकल जाएगा।
इस नाले की सफाई में कर्मचारी काफी मेहनत कर रहे हैं। एक मैनहोल की सफाई में कई दिन लग जाते हैं और दर्जनों ट्रॉलियाँ मिट्टी से भरी जा रही हैं। लेकिन हम इसे साफ होने के बाद ही मानेंगे। नाला पूरी तरह से साफ हो जाएगा। नाले की सफाई का जलभराव पर असर आने वाले मानसून में साफ दिखाई देगा। ठेकेदार को भुगतान पूरे नाले की सफाई के बाद ही किया जाएगा। हमारे अधिकारी नाले का निरीक्षण भी करेंगे कि उसकी सफाई कैसी हुई है। जेई और एसडीओ नियमित रूप से इसकी निगरानी कर रहे हैं।
-विशाल बंसल, मुख्य अभियंता, प्राधिकरण

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