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    Faridabad kidnapping Case: कारोबारी के शव को लेकर बीके अस्पताल पहुंचे स्वजन, पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल

    स्वजन ने पुलिस पर गलत सूचना देने का भी आरोप लगाया है। पुलिस ने बयान जारी किया था कि नगेंद्र के ऊपर पंकज की एक करोड़ रुपये की लेनदारी थी। अविनाश कहते हैं कि सच्चाई इसके उलट है। रुपये पंकज को नहीं बल्कि नगेंद्र को लेने थे।

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 06 Jun 2023 11:00 AM (IST)
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    Faridabad kidnapping Case: कारोबारी के शव को लेकर बीके अस्पताल पहुंचे स्वजन

    फरीदाबाद, जागरण संवाददाता। उद्यमी नगेंद्र के शव को लेकर स्वजन बीके अस्पताल में पहुंच गए हैं। काफी संख्या में लोग मौके पर एकत्र हैं। स्वजन में पुलिस की कार्यशैली को लेकर रोष है। स्वजन आरोपित को जल्द गिरफ्तार करने और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। बता दें 30 मई को अगवा किए गए उद्यमी नगेंद्र की हत्या के बाद शव नैनीताल में फेंक दिया गया था। 

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    स्वजन का कह रहे हैं कि पुलिस छह दिन से अंधेरे में तीर चला रही थी। भले ही पुलिस को पहले दिन से नगेंद्र की हत्या किए जाने का आभास था, मगर स्वजन का मानना है कि अगर पुलिस तत्परता दिखाती तो शायद जिंदा बच सकते थे। स्वजन का कहना है कि अब तक अगर आरोपित का पता नहीं लग पाया है तो यह भी कहीं न कहीं पुलिस की चूक है।

    नगेंद्र के बहनोई अविनाश का कहना है कि शुरू में पुलिस इस मामले को दो साझेदारों में लेन-देन का विवाद समझती रही और उतनी सक्रियता नहीं दिखाई। जब दो से तीन दिन बीत गए तब पुलिस को लगा कि मामला गंभीर है। उनका कहना है कि पंकज ने नगेंद्र का शव यूपी में डासना के पास टोल के पास फेंक दिया था।

    पुलिस स्वजन को यह तो बताती रही कि नगेंद्र का फोन कहीं एक जगह पड़ा हुआ है, मगर उसे ढूंढ नहीं पाई। इसके बाद नगेंद्र के स्वजन डासना टोल पर पहुंचे। वहां सीसीटीवी फुटेज देखी और उसमें एक जगह पंकज फोन फेंकते हुए दिखा। इसके बाद स्वजन ने फोन बरामद किया। 

    स्वजन ने पुलिस पर गलत सूचना देने का भी आरोप लगाया है। पुलिस ने बयान जारी किया था कि नगेंद्र के ऊपर पंकज की एक करोड़ रुपये की लेनदारी थी। अविनाश कहते हैं कि सच्चाई इसके उलट है। रुपये पंकज को नहीं बल्कि नगेंद्र को लेने थे। उन्होंने बताया कि जब दोनों ने मिलकर चंडीगढ़ में शराब की फैक्ट्री लगाई थी, तब पंकज लाभ में अपना हिस्सा लेता रहा, मगर नगेंद्र ने अपने हिस्से से जमीन खरीदी।

    आरोप है कि पंकज ने धोखे से उस जमीन के कागज अपने नाम करा लिए थे। इस कारण उसके ऊपर नगेंद्र की एक करोड़ की लेनदारी थी। इसी वजह से दोनों के बीच झगड़ा हुआ। करीब छह महीने पहले पंकज अपने परिवार के सदस्यों के साथ नगेंद्र के घर मोहला पहुंचा था और हाथ जोड़कर लिखित माफी मांगी थी। उसने जल्द रुपये लौटाने का वादा कर अपनी फार्च्यूनर कार भी नगेंद्र को दे रखी थी। इसके बाद से नगेंद्र और पंकज के बीच ज्यादा बातचीत नहीं हो रही थी।

    तीन दिन से इंतजार रहा था पंकज

    अविनाश ने बताया कि अपहरण की वारदात करने के तीन दिन पहले से पंकज नगेंद्र का इंतजार कर रहा था। गांव सीकरी के पास हाईवे पर एक पेट्रोल पंप की सीसीटीवी फुटेज में लगातार तीन दिन उसकी स्कार्पियो कार खड़ी देखी गई है।

    दरअसल, नगेंद्र इसी रूट से कहीं आता-जाता था। अनुमान है कि वह वहां खड़े होकर नगेंद्र का इंतजार कर रहा था। 30 मई को जैसे ही नगेंद्र की कार वहां से गुजरी उसने पीछा शुरू कर दिया। इसके बाद सेक्टर-15 में जाकर अपहरण कर लिया।