फरीदाबाद में दीवाली की धूम, ग्राहकों से भरी मिठाइयां और उपहारों की दुकानें
दिवाली के आगमन के साथ, फरीदाबाद के बाजार जीवंत हो उठे हैं। सजावटी सामान, मिठाइयां और उपहारों की दुकानें ग्राहकों से भरी हुई हैं। लोग अपने घरों को सजाने और प्रियजनों को उपहार देने के लिए उत्साहित हैं। यह त्योहार समृद्धि और एकता का प्रतीक है, जहाँ परिवार एक साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं। बाजारों में हर तरफ दीवाली की रौनक छाई हुई है।

दिवाली के आगमन के साथ, फरीदाबाद के बाजार जीवंत हो उठे हैं।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। दिवाली नजदीक आते ही बाजारों में रौनक बढ़ गई है। घरों को रोशन करने के लिए सजावटी सामान, बिजली की लड़ियाँ, दीये और मोमबत्तियाँ बेचने वाली दुकानें सज गई हैं। लोग सजावटी सामान की खरीदारी में जुटे हैं। एनआईटी, ओल्ड फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और सेक्टर-14 क्षेत्र में मिठाइयों की भी खूब खरीदारी हो रही है।
हिंदुओं का एक प्रमुख और पवित्र त्योहार दिवाली बड़े हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार न केवल दीये और मिठाइयाँ जलाने का, बल्कि प्यार और उपहार बाँटने का भी अवसर प्रदान करता है।
सफाई के तुरंत बाद सजावट शुरू हो जाती है। दिवाली पर घरों को रंगोली, मालाओं, दीयों, मोमबत्तियों और फूलों से सजाया जाता है। कई लोग अपने घरों को बिजली की लड़ियों, कागज के दीयों और विभिन्न सजावटी वस्तुओं से सजाते हैं। नतीजतन, बाजारों में कृत्रिम फूल और मालाएँ खूब बिकती हैं।
दिवाली पर मिठाई और उपहार बांटने की भी परंपरा है। लक्ष्मी और गणेश की पूजा के लिए विशेष तैयारियाँ की जाती हैं। बल्लभगढ़ निवासी प्रियंका और गुंजन ने बताया कि उन्होंने अपने घरों को सजाने के लिए सजावटी सामान खरीद लिया है। आर्य समाज रोड नंबर 1 स्थित मिठाई विक्रेता मनमोहन बताते हैं कि आजकल लोग मिठाइयों के साथ ड्राई फ्रूट्स के पैकेट भी पसंद कर रहे हैं।
फलों के जूस के पैकेट भी उपहार के रूप में दिए जा रहे हैं। पाँच नंबर मार्केट स्थित महादेव गिफ्ट शॉप के बंसी लाल कुकरेजा कहते हैं कि दिवाली से पहले ही उपहारों की खरीदारी बढ़ जाती है। इन दिनों ब्रांडेड कंपनियों के पानी के जग, इलेक्ट्रिक केतली, लंच बॉक्स और डिनर सेट खूब बिक रहे हैं।
हमने दिवाली मनाने की तैयारी कर ली है। हमने अपने घरों को सजाने के लिए माला-फूल खरीद लिए हैं। दिवाली हमें आंतरिक रूप से नई ऊर्जा और सकारात्मकता से भी भर देती है।
-सुगंध।दिवाली हमारी संस्कृति में गहराई से रचा-बसा एक त्योहार है। इसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। परिवार के सभी सदस्य एक साथ मिलकर पूजा करते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं। इससे एकता बढ़ती है। हमने दिवाली मनाने की तैयारी कर ली है।
-साधना।
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