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    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे: लगाए जा रहे 10 लाख पौधे, ग्रीनबेल्ट को ऑक्सीजन फैक्ट्री के रूप में विकसित किया जा रहा

    Updated: Mon, 20 Oct 2025 05:28 AM (IST)

    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के किनारे फरीदाबाद में ग्रीनबेल्ट को ऑक्सीजन फैक्ट्री के रूप में विकसित किया जा रहा है। सेक्टर-59 में हजारों पौधे लगाए गए हैं, और सेक्टर-नौ के सामने सघन वन विकसित करने की योजना है। जिले में 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य है, जिससे एक्सप्रेसवे के किनारे बसे सेक्टरों को प्रदूषण से राहत मिलेगी। विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जा रहे हैं और उनकी देखभाल की जाएगी।

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    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे किनारे ग्रीनबेल्ट को आक्सीजन की फैक्ट्री रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू।

    जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे किनारे ग्रीनबेल्ट को आक्सीजन की फैक्ट्री रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। सेक्टर-59 में 600 मीटर जगह पर ही 14 हजार 700 पौधे लगा दिए गए हैं। इसी जगह के पास 59 हजार पौधे रोपे जा चुके हैं जो अब बड़े हो गए हैं। सेक्टर-नौ के सामने भी सघन बन विकसित करने की योजना पर काम शुरू हो चुका है।एनएचपीसी चौक पर 11 हजार पौधों को मियावाकी पद्धति से लगाया जा चुका है।

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    जिले में सेक्टर-37 से लेकर सेक्टर-59 तक कुल 10 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पौधारोपण करेगा और तीन साल तक इनकी देख-रेख भी करेगा। दरअसल एक्सप्रेसवे निर्माण के दौरान जिले की सीमा में हजारों पेड़ों को काटा गया था। इससे पूरी ग्रीनबेल्ट उजड़ गई थी। इसकी भरपाई के लिए ही बड़े स्तर पर पौधारोपण किया जा रहा है।

    11 सेक्टर में रहने वालों को मिलेगी बड़ी राहत

    इस पौधारोपण का सबसे बड़ा लाभ एक्सप्रेसवे किनारे बसे हुए 11 सेक्टरों को होगा। यहां हजारों परिवार रहते हैं। एक्सप्रेस-वे पर दौड़ने वाले वाहनों के धूल-धुएं को कारिडोर के पेड़-पौधे सेक्टर में जाने से रोकेंगे।

    प्रदूषित नगरी को देगा राहत

    हर साल सर्दी में वायु प्रदूषण बहुत बढ़ जाता है। पीएम 2.5 का स्तर 450 तक पहुंच जाता है। इसलिए यहां अधिक पौधारोपण होना जरूरी है। ग्रीन कारिडोर में लगने वाले हजारों पौधे लोगों को सुकून देंगे।

    यह पौधे लगाए जाएंगे

    सड़क की ओर फूल वाले पौधे लगाए जा रहे हैं जैसे अमलतास, गुलमोहर, कछनार। दूसरी लेन में पिलखन, अर्जुन, बालमखेरा, कदम, शीशम, नीम, पीपल, बड़, टिकाेमा, जामून और झाड़ियां लगाई जाएंगी। इनकी पूरी देख-रेख की जाएगी।

    एक्सप्रेसवे किनारे जहां-जहां जगह खाली मिलेगी, वहां पौधारोपण किया जा रहा है। उम्मीद है कि 10 लाख पौधे लगा दिए जाएंगे। इनकी देख-रेख की जाएगी। - संदीप दहिया, अधीक्षण अभियंता, एचएसवीपी