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    आतंकवादियों का फेवरेट केमिकल! धमाके के बाद भी नहीं सुधरे दुकानदार, बिना आधार बेच रहे अमोनियम नाइट्रेट

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 06:42 PM (IST)

    दिल्ली में बम धमाकों के बाद अमोनियम नाइट्रेट की उपलब्धता और सुरक्षा पर सवाल उठे। अब दुकानदार सतर्क हो गए हैं और आधार कार्ड मांग रहे हैं। हालांकि, चोरी ...और पढ़ें

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    दिल्ली में बम धमाकों के बाद अमोनियम नाइट्रेट की उपलब्धता और सुरक्षा पर सवाल उठे। फाइल फोटो

    प्रवीण कौशिक, फरीदाबाद। दिल्ली बम धमाकों के बाद अमोनियम नाइट्रेट खबरों में था। इसका इस्तेमाल उस धमाके में हुआ था, जिसमें 15 लोगों की जान चली गई थी। सवाल इसलिए भी उठे क्योंकि अमोनियम नाइट्रेट बाज़ार में आसानी से मिल जाता है। यह भी हैरानी की बात थी कि इसकी मॉनिटरिंग भी नहीं होती। नियम तो सख्त हैं, लेकिन पालन बहुत कम होता है। धमाकों ने एडमिनिस्ट्रेटिव अधिकारियों की नींद खोल दी और इसे बेचने वाले भी सतर्क हो गए।

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    फिलहाल, दुकानदारों ने अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल बंद कर दिया है, लेकिन बड़े कस्टमर बेस को देखते हुए इसकी चोरी-छिपे बिक्री की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। अब, अमोनियम नाइट्रेट से खतरा भविष्य में भी बना रहेगा, जिससे सर्विलांस ज़रूरी हो गया है।

    "दिल्ली अटैक 10/11, अब, सुरक्षा की हालत" कैंपेन के तहत दैनिक जागरण यह जांच कर रहा है कि एक्सप्लोसिव में इस्तेमाल होने वाले केमिकल का मॉनिटरिंग सिस्टम कैसे काम कर रहा है। दुकानदारों को अपना सामान बेचना है, इसलिए ज़्यादातर लोग रजिस्टर भी नहीं रखते हैं।

    खाद और बीज की दुकानों पर मिलता है अमोनियम नाइट्रेट 

    दिल्ली बम धमाकों के बाद, सफेदपोश आतंकवादियों ने अमोनियम नाइट्रेट को दूसरे केमिकल के साथ मिलाकर विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल किया। अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल खेती और पहाड़ों की माइनिंग में भी खाद के तौर पर होता है। इसलिए, यह खाद बेचने वालों से आसानी से मिल जाता है। एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट अमोनियम नाइट्रेट का रिकॉर्ड भी नहीं रखता। डीलरों को खुद रिकॉर्ड रखना होता है। सबूत के लिए बिल और दूसरे डॉक्यूमेंट्स जरूरी हैं।

    हालांकि अमोनियम नाइट्रेट बेचने वाले किसी भी व्यक्ति के आधार कार्ड की कॉपी लेना ज़रूरी है, लेकिन दुकानदार अक्सर खाद को ब्लैक में बेचने के चक्कर में इन नियमों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। दैनिक जागरण के एक रिपोर्टर ने खाद, बीज और केमिकल बेचने वाली दुकानों की जांच की। ओल्ड फरीदाबाद के मेन मार्केट में दो दुकानें आमने-सामने हैं।

    अमोनियम नाइट्रेट का जिक्र सुनते ही एक दुकानदार ने भौंहें चढ़ा दीं, और बेचने से साफ मना कर दिया। दूसरे दुकानदार ने भी ऐसा ही जवाब दिया। बल्लभगढ़ अनाज मंडी के पास आधा दर्जन दुकानों के दुकानदारों ने साफ कह दिया कि वे अब बिना आधार कार्ड के खाद नहीं देंगे।

    उन्होंने यह भी बताया कि वे एक रजिस्टर मेंटेन कर रहे हैं। जब एक रिपोर्टर NIT में एक केमिकल की दुकान पर कस्टमर बनकर गया, तो दुकानदार ने आधार कार्ड मांगा। उसने कहा कि वह बिना ID के कोई केमिकल नहीं बेचेगा। इससे पता चलता है कि दुकानदार अब ज्यादा सावधान हो रहे हैं।

    सब्जी की फसलों के लिए बड़े पैमाने पर इसकी सेल

    हालांकि यह हमारे ज़िले में खुलेआम नहीं बिक रहा है, लेकिन पता चला है कि यह चोरी-छिपे मिल रहा है। यह सच है कि अनजान लोग अब अमोनियम नाइट्रेट नहीं ले पा रहे हैं। पुलिस की सख़्ती की वजह से दुकानदार ऐसा कर रहे हैं। ज़िले में 25 खाद और बीज की दुकानें हैं। जिले में 10,000 एकड़ में सब्ज़ी की फ़सलें उगाई जाती हैं, इसीलिए यहां अमोनियम नाइट्रेट वाला खाद बेचा जाता है।

    केमिकल बेचने वाली दुकान सील

    दिल्ली ब्लास्ट में विस्फोटकों को और खतरनाक बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया केमिकल नेहरू ग्राउंड स्थित एक दुकान से खरीदा गया था। नगर निगम ने गुरुवार को इस दुकान को सील कर दिया। निगम ने यह कार्रवाई SDM की सिफारिश पर की। NIA के कहने पर SDM त्रिलोक चंद ने एक कमेटी बनाई। कमेटी ने तीन मामलों की जांच की।

    जांच में पाया गया कि दुकान में तय मात्रा से ज़्यादा सामान रखा था। ट्रेड लाइसेंस का भी गलत इस्तेमाल हो रहा था। दुकानदार के रिकॉर्ड में केमिकल ले जाने वाले हर खरीदार की डिटेल नहीं थी। याद रहे, NIA की टीम पिछले हफ़्ते आतंकवादी मुज़म्मिल और शाहीन को भी केमिकल की दुकान पर लाई थी।

    इस मामले में सबसे बड़ी कमी एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के साथ-साथ इंटेलिजेंस एजेंसियों की भी है। एजेंसियों को समय पर जानकारी न मिलने से खतरा बढ़ रहा है, जबकि एजेंसियों के कर्मचारियों को खास तौर पर ऐसी जानकारी इकट्ठा करने का काम सौंपा गया है। दिल्ली बम धमाकों में इंटेलिजेंस एजेंसियों की नाकामी सामने आई थी। इतने बड़े पैमाने पर आतंकवादी ज़िले में रहे, विस्फोटक बनाने के लिए कई तरह के केमिकल जमा किए और पकड़े नहीं गए। इसलिए, एजेंसियों को सोचना होगा और सोचना होगा।

    जिले में अमोनियम नाइट्रेट की बिक्री बहुत कम है। दुकानदारों को इसकी बिक्री के बारे में डिपार्टमेंट की गाइडलाइंस का पालन करना होगा। इस बारे में सभी दुकानदारों को सख्त चेतावनी दी गई है। जो भी इसका पालन नहीं करेगा, उस पर कार्रवाई होगी। - डॉ. अनिल सहरावत, डिप्टी डायरेक्टर, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट