'कैंटीन खाली, क्लास रूम सूनसान', ED की जांच से अल फलाह यूनिवर्सिटी के छात्रों में डर का माहौल
अल फलाह विश्वविद्यालय पर ईडी और यूजीसी की सख्ती के चलते छात्रों में डर का माहौल है। कश्मीर, बठिंडा, बरेली और यूपी से अभिभावक छात्रों को लेने पहुंचे। छात्रों को भविष्य की चिंता सता रही है। अभिभावक स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं। प्रबंधन छात्रों पर छुट्टी के लिए आवेदन न करने का दबाव बना रहा है। विश्वविद्यालय में तीन हजार से ज्यादा छात्र पढ़ रहे हैं।

अल फलाह विश्वविद्यालय पर ईडी और यूजीसी की सख्ती के चलते छात्रों में डर का माहौल है।
सुशील भाटिया, फरीदाबाद। अल फलाह विश्वविद्यालय पर ईडी और यूजीसी की सख्ती के चलते छात्रों की चिंता बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को कश्मीर, बठिंडा, बरेली और उत्तर प्रदेश के आसपास के इलाकों से छात्रों के परिजन उन्हें लेने पहुंचे। शुक्रवार को नियमित अंतराल पर विश्वविद्यालय से 40 गाड़ियाँ रवाना हुईं। इन गाड़ियों की छतों पर छात्रों के सामान से भरे बैग रखे थे और छात्र अपने अभिभावकों के साथ अंदर देखे गए।
छात्रों के चेहरों पर चिंता और बेचैनी की लकीरें साफ़ दिखाई दे रही थीं। विश्वविद्यालय से निकले एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के दो छात्रों ने बताया कि उनका मेडिकल कोर्स जल्द ही पूरा हो जाएगा। वे उज्ज्वल भविष्य का सपना देख रहे थे। इंटर्नशिप पूरी होते ही उन्हें नौकरी मिल जाएगी, लेकिन फिलहाल उनका भविष्य अधर में लटकता दिख रहा है। खबरें हैं कि ईडी जल्द ही जाँच शुरू करेगा और विश्वविद्यालय की मान्यता खतरे में पड़ सकती है।
अगर ऐसा हुआ तो हमारा कोर्स बाधित हो जाएगा। अपने बच्चों के साथ आए कुछ छात्रों के अभिभावकों से जब पूछा गया कि उन्होंने कितने दिन की छुट्टी ली है और कब लौटेंगे, तो उन्होंने जवाब दिया कि अभी हालात ठीक नहीं हैं। "हम देखेंगे कि किस तरह की स्थिति बनती है और फिर कोई फैसला लेंगे।" कश्मीर से आए कुछ छात्र इस बात से भी चिंतित हैं कि जांच एजेंसियां लगातार विश्वविद्यालय में डेरा डाले हुए हैं और सभी से पूछताछ की जा रही है। उन्हें डर है कि उनसे भी पूछताछ हो सकती है, इसलिए फिलहाल छुट्टी लेकर घर जाना ही उचित लगता है।
बड़ी संख्या में छात्रों के छुट्टी पर जाने का असर शुक्रवार को विश्वविद्यालय की विभिन्न कैंटीनों में भी दिखा, जहाँ मेज-कुर्सियाँ खाली थीं। वहाँ इक्का-दुक्का छात्र ही नज़र आए। विश्वविद्यालय में एमबीबीएस की 200 और एमडी की 50 सीटें हैं। इसके अलावा बीएड, बीसीए और पैरामेडिकल समेत अन्य कोर्स भी संचालित हैं। अकेले एमबीबीएस और एमडी कोर्स में ही 1200 से ज़्यादा छात्र हैं। अगर अन्य कोर्सों को मिला दिया जाए तो तीन हज़ार से ज़्यादा छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
छुट्टी के लिए आवेदन न करने का दबाव बना रहा प्रबंधन
एक-दूसरे को देखकर छुट्टी के लिए आवेदन करने वालों से विश्वविद्यालय प्रबंधन सकते में है। विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार, प्रबंधन छात्रों पर लंबी छुट्टी के लिए आवेदन न करने का दबाव बना रहा है। प्रबंधन छात्रों के अभिभावकों को यह समझाने की कोशिश कर रहा है कि विश्वविद्यालय का इस घटना से सीधे तौर पर कोई लेना-देना नहीं है और उन्हें यह भी भरोसा दिला रहा है कि उनके भविष्य को कोई खतरा नहीं है, लेकिन फिलहाल छात्र रुकने के मूड में नहीं हैं।

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