सफेद लट कीट पहुंचाता है फसल की जड़ों को नुकसान
संवाद सहयोगी, पलवल : सफेद लट (व्हाइट ग्रेब) नामक कीट बाजरा, मूंगफली, तिल, ज्वार, गन्ना आदि खरीफ फसलों तथा मिर्च व भिंडी आदि सब्जियों की जड़ों को नुकसान पहुंचाने वाला कीट है।
खंड कृषि अधिकारी डा.महावीर सिंह मलिक के अनुसार प्रदेश में सफेद लट की होलोट्राइकिया केंसेंगुइना प्रजाति का ज्यादा प्रकोप देखा गया है। इसकी सुंडिया अगस्त से अक्टूबर तक लगभग 100 दिनों तक फसलों की जड़ों को काटकर भारी हानि पहुंचाती हैं। ये जड़ों को काटकर 20 से 80 प्रतिशत तक बर्बाद कर देती हैं।
ऐसे करें नियंत्रण : डा.मलिक ने बताया कि कीट के नियंत्रण के लिए एकीकृत कीट प्रबंधन तकनीक अपनानी चाहिए। जिस दिन मानसून की बारिश हो उस दिन की रात को खेतों से पेड़ों पर पहुंचे कीटों को एक अभियान के रूप में हिलाकर नीचे गिराकर दो प्रतिशत मिट्टी के तेल मिले पानी में डालकर मारना चाहिए। मानसून की वर्षा से पूर्व खेतों के इर्द-गिर्द खड़े पड़ों की छंटाई कर दें। पहली, दूसरी व तीसरी वर्षा के बाद इन पेड़ों पर 10 मि.ली.मोनोक्रोटोफास 36 एसएल या 30 ग्राम कार्बोरिल 50 धू.पा. कीटनाशी को 10 लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें। खेत में लाइट ट्रेप लगाएं तथा मूंगफली में 15 मि.ली. कलोरोपाइरीफास 20 ई.सी. को प्रति किलो बीज की दर से बिजाई के दो-तीन घंटे पहले बीज उपचार करके बोएं।
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